बलूचिस्तान से आई एक तस्वीर ने सबका ध्यान खींचा है। यह दृश्य भारतीयों को भी चौंका सकता है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने बलूचिस्तान में एक गुप्त मिशन के तहत दौरा किया। इस दौरान, उन्होंने बलूची पगड़ी पहनकर अपनी पहचान छुपाने की कोशिश की। इन दोनों नेताओं ने बलूचिस्तान में जो गतिविधियाँ की हैं, उन्हें भारत को गंभीरता से लेना चाहिए। दरअसल, शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर क्वेटा पहुंचकर वहां की जनता के सामने भावुक होकर बोले कि बलूचिस्तान के लोग उनके असली भाई हैं और उनका सम्मान उनके लिए महत्वपूर्ण है।
शहबाज शरीफ ने बलूचिस्तान की जनता से कहा कि वह और आसिम मुनीर एक बोझ हटाने आए हैं। यह बोझ यह है कि अब पाकिस्तान के मित्र देश नहीं चाहते कि वे भीख मांगने जाएं। उन्होंने कहा कि चीन, सऊदी अरब, कतर, तुर्की और यूएई जैसे देश पाकिस्तान के विश्वसनीय साथी हैं। ये सभी पाकिस्तान से व्यापार, विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य में सहयोग की उम्मीद करते हैं। लेकिन जब तक बलूचिस्तान उनकी मदद नहीं करेगा, तब तक पाकिस्तान को भीख मांगते रहना होगा।
शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर की नजर बलूचिस्तान की धरती के नीचे छिपे 6 ट्रिलियन डॉलर के खनिज संसाधनों पर है। शरीफ ने कहा कि इस्लामाबाद को देश को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए प्राकृतिक और मानव संसाधनों का सही उपयोग करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह और फील्ड मार्शल मुनीर इस आर्थिक बोझ को अपने कंधों पर उठाने के लिए तैयार हैं।
शहबाज शरीफ की यह टिप्पणी हाल ही में भारत की सैन्य कार्रवाई के जवाब में आई है। नई दिल्ली की कार्रवाई के बाद, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की नई सहायता प्रदान की। इस संघर्ष के दौरान, तुर्की और अजरबैजान ने पाकिस्तान का समर्थन किया, जिसमें तुर्की ने सैन्य उपकरण भी मुहैया कराए।