Organic Farming: जैविक खेती से बनेगा किसानों का भाग्य, जानिए कैसे बढ़ेगी कमाई और सेहत
Rahul Mishra (CEO) June 04, 2025 10:29 AM

जैविक खेती: आज के समय में जब हर कोई सेहत को लेकर सजग हो गया है, तब Organic Farming यानी जैविक खेती ने खेती की दुनिया में एक नई क्रांति ला दी है। बाजार में ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। लोग अब केवल दिखावे के लिए नहीं, बल्कि अपने स्वास्थ्य और पर्यावरण की रक्षा के लिए भी रासायनिक खाद और कीटनाशक से दूर भाग रहे हैं। ऐसे में जैविक खेती किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर बन गई है।

Organic Farming क्या है?

जैविक खेती एक ऐसी पद्धति है जिसमें खेत में किसी भी प्रकार का केमिकल, पेस्टिसाइड या हानिकारक खाद का प्रयोग नहीं किया जाता। इसमें गाय के गोबर से बनी खाद, वर्मी कम्पोस्ट, नीम के पत्तों का अर्क और जैविक कीटनाशकों का उपयोग होता है। इसका मुख्य उद्देश्य मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखना और फसलों को प्राकृतिक तरीके से उगाना है।

जैविक खेती

क्यों बढ़ रही है Organic Farming की मांग?

आज के युग में अधिकतर लोग processed और chemically treated खाने से बचना चाहते हैं। बाजार में उपलब्ध फल, सब्जियां और अनाजों में बहुत अधिक कीटनाशकों के अंश पाए गए हैं, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ता है। इसके विपरीत, ऑर्गेनिक फसलों को सुरक्षित और सेहतमंद माना जाता है। यही कारण है कि शहरों में रहने वाले लोग अब ऑर्गेनिक उत्पादों को खरीदने के लिए अधिक पैसे खर्च करने को भी तैयार हैं।

कौन-कौन सी फसलें हैं फायदेमंद?

Organic Farming में कुछ खास फसलें हैं जिनकी बाजार में खूब मांग है और किसान इनसे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

ब्राउन राइस

पारंपरिक सफेद चावल के बजाय अब ब्राउन राइस की मांग तेजी से बढ़ रही है, खासकर उन लोगों के बीच जो वजन कम करना चाहते हैं या डायबिटीज़ के मरीज हैं। जैविक ब्राउन राइस अधिक फाइबर युक्त होता है और इसे विदेशों में भी पसंद किया जाता है।

हल्दी और अदरक

ऑर्गेनिक हल्दी में करक्यूमिन की मात्रा अधिक होती है जो एक बेहतरीन एंटी-ऑक्सिडेंट है। विदेशों में इसकी मांग औषधीय उपयोग के लिए बहुत अधिक है। जैविक अदरक भी घरेलू और निर्यात दोनों ही स्तरों पर खूब बिकती है।

जैविक सब्जियां और फल

भिंडी, पालक, टमाटर, आलू, गोभी जैसे सब्जियों के साथ-साथ केला, अमरूद, सेब और पपीता जैसे फलों की ऑर्गेनिक वैरायटीज अब सुपरमार्केट्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर आसानी से उपलब्ध हैं। इनकी कीमतें पारंपरिक फसलों से अधिक होती हैं।

दालें और मोटे अनाज

मूंग, मसूर, चना और अरहर की जैविक किस्में शहरी क्षेत्रों में खास पसंद बन गई हैं। वहीं बाजरा, रागी और ज्वार जैसे मिलेट्स अब सुपरफूड्स के रूप में उभर कर सामने आ रहे हैं।

औषधीय पौधों की खेती

गिलोय, तुलसी, ब्राह्मी और अश्वगंधा जैसे औषधीय पौधों की जैविक खेती अब आयुर्वेदिक कंपनियों और फार्मा इंडस्ट्री में भारी मांग के साथ जुड़ी है। इनसे किसानों को अच्छा रिटर्न मिल रहा है।

Organic Farming के फायदे

जैविक खेती से न केवल पर्यावरण की रक्षा होती है, बल्कि किसानों की लागत भी घटती है क्योंकि इसमें महंगे कीटनाशक और उर्वरक की जरूरत नहीं होती। साथ ही, ये फसलें बाजार में महंगे दामों पर बिकती हैं, जिससे किसानों को अच्छा लाभ मिलता है।

जैविक खेती
जैविक खेती

सरकार का सहयोग

सरकार भी जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है जैसे ‘परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY)’ और ‘राष्ट्रीय जैविक खेती मिशन (NPOF)’। किसानों को प्रशिक्षण, बीज, जैविक खाद और मार्केटिंग की सुविधाएं दी जा रही हैं ताकि वे इस ओर अधिक आकर्षित हो सकें।

अगर आप किसान हैं और अब तक पारंपरिक खेती कर रहे हैं, तो यह समय है Organic Farming की ओर कदम बढ़ाने का। इससे न केवल आपकी कमाई बढ़ेगी, बल्कि आप पर्यावरण संरक्षण और लोगों की सेहत में भी योगदान देंगे। आने वाले वर्षों में जैविक उत्पादों की मांग और भी तेज़ होने वाली है, इसलिए इसे आज ही अपनाएं और खेती के नए युग की शुरुआत करें।

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