आजकल की दौड़-भाग भरी ज़िंदगी में हड्डियों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. अगर समय रहते हड्डियों की कमजोरी को नहीं पहचाना गया, तो आगे चलकर ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं. डॉ. अखिलेश यादव (एसोसिएट डायरेक्टर – ऑर्थोपेडिक्स और जॉइंट रिप्लेसमेंट , मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल वैशाली) ने बताया कि कई लोगों तो हड्डियों में आवाज या जोड़ों में चटकने की शिकायत होती है, लेकिन इसे नजरअंदाज कर देते हैं. यह लेख आपको बताएगा कि कैसे पहचानें कि आपकी हड्डियां कमजोर हो रही हैं और हड्डियों से आवाज आने का क्या मतलब हो सकता है.
लक्षण –
अगर बार-बार पीठ या कमर में दर्द हो रहा है तो यह संकेत हो सकता है कि आपकी रीढ़ की हड्डी कमजोर हो रही है.
अगर हल्की गिरावट या टक्कर से ही हाथ-पैर की हड्डी टूट जाती है, तो ये हड्डियों के कमजोर होने का साफ संकेत है.
अगर आपकी ऊंचाई कुछ सालों में थोड़ी कम हो गई है तो हो सकता है कि आपकी रीढ़ की हड्डियां सिकुड़ रही हों.
हड्डियों में कमजोरी होने पर शरीर में ताकत की कमी महसूस होती है और जल्दी थकावट आ जाती है.
कई बार उठते-बैठते या जोड़ों को मोड़ते समय “टक” जैसी आवाज आती है. इसे “क्रेपिटस” कहा जाता है. अगर दर्द नहीं हो रहा है और सिर्फ आवाज आ रही है तो यह आम बात हो सकती है. ये आवाज हवा के बुलबुले के कारण हो सकती है जो जोड़ की जगह पर बनते और फटते हैं. अगर हड्डी में आवाज के साथ दर्द, सूजन, या जकड़न भी हो रही है तो यह आर्थराइटिस या हड्डी में कमजोरी का सिम्प्टम हो सकता है.
हड्डियों को मजबूत कैसे रखें?
हड्डियों की हल्की समस्याओं को इग्नोर करना आगे चलकर गंभीर रूप ले सकता है. यदि आपकी हड्डियों में आवाज आती है, दर्द रहता है या फ्रैक्चर जल्दी होता है, तो डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है. समय पर सावधानी और सही खानपान से हड्डियों को मजबूत बनाया जा सकता है.