वन परिक्षेत्र अधिकारी (रेंजर) विकास जमरे ने बताया कि लिम्बई गांव के लोगों ने हमें आस-पास के क्षेत्रों में लकड़बग्घा नजर आने की सूचना दी है। क्षेत्र में इस जानवर के संदिग्ध पगमार्क भी मिले हैं। इसके बाद हमने अपना खोज अभियान तेज कर दिया है। वन विभाग के करीब 45 कर्मी लिम्बई गांव के 15 किलोमीटर के दायरे में लकड़बग्घे की तलाश कर रहे हैं। लिम्बई गांव से वन सीमा करीब 4.50 किलोमीटर दूर है।
जमरे ने बताया कि लकड़बग्घे के संदिग्ध पगमार्क की जांच की जा रही है। अभी पुष्टि नहीं हो सकी है कि ये पगमार्क लकड़बग्घे के ही हैं।
गौरतलब है कि बड़वानी जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 5 मई को तड़के अज्ञात जानवर ने 17 लोगों पर तब हमला कर दिया था, जब वे गर्मी के चलते अपने घरों के बाहर खुले में सो रहे थे। 23 मई से 2 जून के बीच इनमें से छह लोगों की मौत हो चुकी है। अज्ञात जानवर के हमले की जद में आए सभी 17 लोगों को रेबीज से बचाव का इंजेक्शन लगाया गया था।
बड़वानी की सीएमएचओ डॉ. सुरेखा जमरे ने बताया कि अज्ञात जानवर के हमले के बाद बीमार हुए लोगों में शामिल 35 वर्षीय पुरुष जिला चिकित्सालय में भर्ती है और उसकी हालत स्थिर बनी हुई है। बाकी लोगों की स्थिति फिलहाल ठीक है।
सीएमएचओ ने बताया कि अज्ञात जानवर के काटने के बाद दम तोड़ने वाले एक व्यक्ति के मस्तिष्क के ऊतक और जीवित मरीजों की लार के नमूने पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) की प्रयोगशाला भेजे गए हैं ताकि जांच करके पता लगाया जा सके कि ये लोग रेबीज वायरस से संक्रमित थे या नहीं।
इंदौर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के डीन (अधिष्ठाता) डॉ. अरविंद घनघोरिया ने बताया कि हमें पहली नजर में संदेह है कि बड़वानी जिले के छह लोगों की मौत रेबीज के कारण हुई है। इसकी पुष्टि के लिए एक मृतक के मस्तिष्क के ऊतक को जांच के लिए दिल्ली की एक प्रयोगशाला भेजा गया है। इसकी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
edited by : Nrapendra Gupta