नई दिल्ली: 17 सीजन तक आईपीएल ट्रॉफी हासिल करने में नाकाम रहने के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु का लंबा इंतजार तीन जून की रात अहमदाबाद में आखिरकार खत्म हुआ. विराट कोहली ने जीत का परचम लहराया. अपना पहला आईपीएल खिताब जीता. पंजाब किंग्स को एक रोमांचक फाइनल में छह रन से हराया.
इस जीत के बाद विराट अपनी खुशी नहीं रोक पाए. जीत से पहले ही कोहली काफी भावुक हो गए थे और मैच की आखिरी गेंद फेंके जाते ही उनकी आंखों से आंसू निकल आए. मैच के बाद मैथ्यू हेडन ने उनका इंटरव्यू लिया, जिसमें कोहली ने जीत और आरसीबी के साथ अपने भविष्य के बारे में विस्तार से चर्चा की.
वह टूर्नामेंट की शुरुआत से एक ही फ्रैंचाइज़ी के लिए खेलने वाले एकमात्र खिलाड़ी बने हुए हैं और कोहली ने कहा कि वह अपने आखिरी मैच तक आरसीबी के लिए ‘मैदान पर सब कुछ देना’ चाहते हैं, चाहे वह कभी भी हो. दिलचस्प बात यह है कि कोहली ने “इम्पैक्ट प्लेयर” नियम पर भी तीखी टिप्पणी की और कहा कि वह ऐसा होने की कल्पना भी नहीं कर सकते.
इम्पैक्ट प्लेयर पर क्या बोले विराट?
कोहली ने मैच के बाद प्रेजेंटेशन में कहा, ‘ठीक है… मुझे इस खेल को खेलने का मौका बहुत सालों तक नहीं मिलने वाला है. इसलिए, हम अपने करियर के ढलान पर है. इसलिए मैं सुधार के तरीके खोजता हूं. मैं एक इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में नहीं खेल सकता. मैं 20 ओवर फील्डिंग करना चाहता हूं और फील्ड में इम्पैक्ट डालना चाहता हूं. मैं इसी तरह का खिलाड़ी रहा हूं.
क्या रोहित शर्मा को मारा ताना?
विराट कोहली के बयान को सीधा-सीधा रोहित शर्मा से जोड़कर देखा जा रहा है. दरअसल, मुंबई इंडियंस को पांच बार आईपीएल चैंपियन बनाने वाले रोहित शर्मा को अब उनकी टीम बतौर इम्पैक्ट प्लेयर खिलाती है. वह सिर्फ बैटिंग करने ही मैदान पर आते हैं और फिर डगआउट में बैठा दिए जाते हैं. यानी फील्डिंग के दौरान टीम में उनका कोई योगदान नहीं होता.