राजस्थान में भ्रष्टाचार पर लगाम कसने की मुहिम तेज़ी पकड़ रही है। प्रदेश की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) लगातार एक्शन मोड में है और सरकारी विभागों में जमे भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ शिकंजा कस रही है। ताजा मामला झुंझुनूं जिले के खेतड़ी क्षेत्र से सामने आया है, जहां वन विभाग के एक रेंजर मुकेश मीणा को मंथली रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। एसीबी की यह कार्रवाई न सिर्फ भ्रष्टाचार पर एक करारा तमाचा है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि विभागीय अंदरखाने में चल रहे 'लकड़ी माफिया' जैसे नेटवर्क को अब कानून के घेरे में लाया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला?जानकारी के अनुसार, खेतड़ी क्षेत्र में तैनात वन रेंजर मुकेश मीणा ने स्थानीय लकड़ी परिवहन व्यवसायियों से हर महीने 10,000 रुपये की मंथली रिश्वत की डील कर रखी थी। उसका काम था कि वह लकड़ी की गाड़ियों को बिना किसी रोकटोक के गुजरने दे और कार्रवाई न करे। परंतु जब एक ईमानदार नागरिक गिरवर सिंह ने इस घोटाले की शिकायत सीकर ACB को दी, तो ब्यूरो ने तुरंत इसपर एक्शन लेते हुए जाल बिछाया।
एसीबी का ट्रैप ऑपरेशनACB के एएसपी विजय कुमार के नेतृत्व में टीम ने शिकायत का सत्यापन कराया। जब शिकायत सच साबित हुई, तो बुधवार, 4 जून को ट्रैप कार्रवाई की गई। जैसे ही आरोपी रेंजर ने गिरवर सिंह से 10,000 रुपये की रिश्वत ली, ACB की टीम ने मौके पर पहुंचकर उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। एसीबी टीम ने आरोपी के पास से रिश्वत की पूरी राशि भी बरामद कर ली है। लकड़ी के काले कारोबार की परतें खुलने की उम्मीद
ACB के अनुसार, मुकेश मीणा की गिरफ्तारी सिर्फ एक शुरुआत हो सकती है। फिलहाल उससे पूछताछ जारी है और अधिकारियों का मानना है कि इस रेंजर के जरिए वन विभाग में फैले बड़े भ्रष्ट नेटवर्क का खुलासा हो सकता है।
इस संबंध में:
मुकेश मीणा के ठिकानों पर छापेमारी की तैयारी की जा रही है।
उसके चल-अचल संपत्तियों की जांच भी शुरू की जा सकती है।
ACB यह भी पता लगा रही है कि इस घोटाले में अन्य अधिकारी या कर्मचारी शामिल हैं या नहीं।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की इस कार्रवाई से यह साफ संकेत मिलता है कि राजस्थान सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस नीति' पर काम कर रही है। चाहे वो कोई भी विभाग हो – पुलिस, नगर निगम, या वन विभाग – ACB बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई कर रही है।
पिछले कुछ महीनों में ACB द्वारा:
पटवारियों से लेकर इंजीनियरों तक,
सरकारी अधिकारियों से लेकर ग्राम पंचायत सचिवों तक,
दर्जनों भ्रष्ट कर्मियों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया जा चुका है।
इस तरह की कार्रवाई में आम नागरिकों की सतर्कता और हिम्मत भी सराहनीय है। खेतड़ी निवासी गिरवर सिंह द्वारा की गई साहसी शिकायत ने एक भ्रष्ट अधिकारी को उसके अंजाम तक पहुंचाया। ACB ने भी शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखते हुए तेज और निष्पक्ष कार्रवाई की।
निष्कर्षराजस्थान के खेतड़ी में सामने आए इस मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार कितना गहरा और संगठित हो चुका है – लेकिन अगर प्रशासन सक्रिय हो और जनता सजग, तो भ्रष्टाचारियों का पर्दाफाश निश्चित है।
ACB की कार्रवाई न केवल एक रेंजर की गिरफ्तारी है, बल्कि यह एक मजबूत संदेश है कि अब हर सरकारी विभाग को जनता के प्रति अपनी जवाबदेही निभानी ही होगी।
भ्रष्टाचारियों के खिलाफ ACB की यह मुहिम अगर इसी तरह जारी रही, तो आने वाले समय में राजस्थान की सरकारी व्यवस्था में ईमानदारी और पारदर्शिता की उम्मीद और भी प्रबल हो जाएगी।