राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार लगातार जनकल्याण की दिशा में फैसले ले रही है। अब राज्य सरकार ने एक और राहत योजना की घोषणा की है। अन्नपूर्णा भंडार योजना को फिर से शुरू किया जा रहा है। खास बात यह है कि इस बार योजना को आम आदमी की जरूरतों के हिसाब से नया रूप दिया गया है।
बिना राशन कार्ड के भी मिलेगा सस्ता घरेलू सामान
नई योजना के तहत अब उपभोक्ताओं को राशन की दुकानों से सामान खरीदने के लिए राशन कार्ड की जरूरत नहीं होगी। तेल, साबुन, मसाले, बिस्किट जैसी रोजमर्रा की जरूरत की चीजें अब सीधे पीडीएस दुकानों से खरीदी जा सकेंगी। झुंझुनू जिले में 70 दुकानों पर अन्नपूर्णा भंडार खोलने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है।
गुणवत्ता और कीमत दोनों का ध्यान
झुंझुनू जिला रसद अधिकारी डॉ. निकिता राठौर ने बताया कि शुरुआत में इन अन्नपूर्णा भंडारों में 10 प्रमुख घरेलू उत्पाद उपलब्ध होंगे। इनमें खाद्य तेल, साबुन, वाशिंग पाउडर, गुड़, अचार और मसाले शामिल होंगे। सरकार इन उत्पादों की गुणवत्ता और कीमतों पर नजर रखेगी, ताकि उपभोक्ता विश्वास के साथ खरीदारी कर सकें।
पिछली गलतियों से सीख लेकर इस बार सबक वाली योजना
वर्ष 2015 में शुरू की गई अन्नपूर्णा योजना खराब प्रबंधन और ऊंची कीमतों के कारण सफल नहीं हो पाई थी। इस बार सरकार ने खास ख्याल रखा है। हाल ही में जयपुर में हुई उच्च स्तरीय बैठक में तय किया गया कि इस बार उत्पादों को बाजार की मांग के अनुसार रखा जाएगा, ताकि आम आदमी की जरूरतें पूरी हो सकें और जेब पर बोझ भी न पड़े।
मॉल कल्चर से मुकाबले की तैयारी
अधिकारियों का मानना है कि छोटे शहरों में मॉल कल्चर बढ़ रहा है, ऐसे में अन्नपूर्णा भंडारों को भी आकर्षक और प्रतिस्पर्धी बनाना होगा। उच्च गुणवत्ता और उचित कीमतों के जरिए ये भंडार मॉल को कड़ी टक्कर देंगे।
डीलरों को भी मिलेगा लाभ
इस योजना से न सिर्फ उपभोक्ताओं को बल्कि राशन डीलरों को भी फायदा होगा। अब उन्हें सिर्फ गेहूं, चावल और चीनी तक ही सीमित नहीं रहना पड़ेगा। विभिन्न घरेलू उत्पाद बेचकर उनकी आय बढ़ेगी और वे आर्थिक रूप से सशक्त बनेंगे।
एक दुकान, अनेक सुविधाएं
सरकार की यह पहल झुंझुनू सहित पूरे प्रदेश में उपभोक्ताओं को एक ही स्थान पर सस्ते और विश्वसनीय उत्पाद उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम है। आम लोगों को बिना किसी कागजी झंझट के इसका लाभ मिलेगा।