कंपनी की शुरुआत कैल्कुलेटर बनाने से हुई, शेयर प्राइस 4 रुपए से 2000 रुपए पहुंचा, आईटी कंपनी की सफलता की कहानी

पिछले 25 साल में भारत में आईटी कंपनियों ने अविश्वसनीय तरक्की की है. आठ इंजीनियरों को साथ लेकर शिव नाडर ने HCL Technologies Ltd की शुरुआत की और यह कंपनी कैल्कुलेटर बनाने से शुरुआत करके आज माइक्रो चिप और सेमीकंडक्टर बना रही है. एचसेएल टेक की सफलता की कहानी फेरी टेल जैसी है. HCL Technologies Ltd के शेयर प्राइस इस समय 1632.30 रुपए के लेवल पर बंद हुए. कंपनी का मार्केट कैप 4.42 लाख करोड़ रुपए है. एचसीएल टेक्नोलॉजी के आईटी कंसल्टिंग कंपनी भारत की तीसरी सबसे बड़ी आईटी सर्विस कंपनी है, जिसके पास 60 देशों में कार्यालय और 227,000 से अधिक कर्मचारी हैं. कंपनी की स्थापना और तरक्की की कहानी एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे एक छोटा स्टार्टअप वैश्विक स्तर पर एक तकनीकी दिग्गज कंपनी बन गई.
HCL Tech की शुरुआत कैसे हुईएचसीएल (हिंदुस्तान कंप्यूटर्स लिमिटेड) की स्थापना 11 अगस्त 1976 को हुई थी. इसे शिव नाडर के नेतृत्व में आठ इंजीनियरों की एक टीम ने शुरू किया था. शुरुआत में कंपनी का नाम माइक्रोकॉम्प लिमिटेड था, जिसका उद्देश्य पर्सनल कंप्यूटर बनाना था. उस समय भारत में केवल 250 कंप्यूटर थे, और यह एक क्रांतिकारी विचार था.
कंपनी ने अपने प्रोडक्ट, पर्सनल कंप्यूटर, के लिए पूंजी जुटाने हेतु टेलीडिजिटल कैलकुलेटर बेचना शुरू किया. यह कदम कंपनी को वित्तीय आधार देने में महत्वपूर्ण साबित हुआ.
कंपनी की पहली सफलतासाल 1978 में एचसीएल ने स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किया गया 8-बिट माइक्रोकंप्यूटर लॉन्च किया, जो उस समय ऐप्पल के पहले कंप्यूटर के समकालीन और आईबीएम पीसी से तीन साल पहले का था. यह भारत में कंप्यूटिंग को सुलभ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम था.
एचसीएल ने शुरुआती दिनों में कई सेक्टर में सर्विस दी, जिसमें हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों शामिल थे. कंपनी के प्रारंभिक क्लाइंट्स में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) शामिल था. साल 1993 में एचसीएल ने भारत का पहला फ्लोरलेस, इलेक्ट्रॉनिक स्टॉक एक्सचेंज स्थापित करने का ऑर्डर हासिल किया, जो उस समय एशिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज था. यह कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी.
कंपनी के पास क्लाइंट की लाइन लग गईएचसीएल ने साल 1995 में एचसीएल ने नोकिया के साथ साझेदारी की और इसके विशाल वितरण नेटवर्क का उपयोग करके भारतीय मोबाइल बाजार को विकसित करने में मदद की.
KLA-Tencor Corporation: 2000 में एचसीएल ने चेन्नई में KLA-Tencor के लिए एक डेडिकेटेड ऑफशोर डेवलपमेंट सेंटर स्थापित किया, जो सेमीकंडक्टर और माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री के लिए प्रोसेस कंट्रोल और मैनेजमेंट सॉल्यूशन के लिए था.
कंपनी की ग्रोथ कैसे हुई?एचसीएल की ग्रोथ कई रणनीतिक कदमों, इनोवेशन और वैश्विक विस्तार के कारण संभव हुई. साल 1991 में एचसीएल ने अपनी सॉफ्टवेयर सर्विस यूनिट को एचसीएल टेक्नोलॉजी के रूप में अलग किया, जिसे शुरू में एचसीएल ओवरसीज लिमिटेड के नाम से जाना गया. यह कदम कंपनी को सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और आईटी सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करने में मददगार रहा.
साल 1991 से 1999 तक कंपनी ने अमेरिका, यूरोप, और एशिया-प्रशांत बाजारों में अपनी सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट क्षमताओं का विस्तार किया.
एचसीएल ने साल 2001 में ड्यूश बैंक की भारतीय सहायक कंपनी ड्यूश सॉफ्टवेयर (बाद में डीएसएल सॉफ्टवेयर) में 51% हिस्सेदारी हासिल की और 2004 में शेष 49% हिस्सेदारी खरीदकर इसे अपने बैंकिंग टेक डिवीजन का हिस्सा बनाया.
साल 2019 में आईबीएम के सॉफ्टवेयर टूल्स जैसे AppScan, BigFix, और Notes का अधिग्रहण, जिसके बाद एचसीएल सॉफ्टवेयर डिवीजन की स्थापना हुई.
2022-2024: कॉन्फिनाले एजी (वेल्थ सॉल्यूशंस), ASAP ग्रुप ($279 मिलियन), और एचपीई की कम्युनिकेशंस टेक्नोलॉजी ग्रुप ($225 मिलियन) जैसे अधिग्रहणों ने कंपनी के सर्विस पोर्टफोलियो को और मजबूत किया. कंपनी ने साल 2003 में एयरबस A340 के लिए एंबेडेड सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का अनुबंध प्राप्त किया.
साल 2016 में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना और AI और क्लाउड सॉल्यूशंस पर ध्यान केंद्रित किया.
शेयर मार्केट में एंट्रीएचसीएल ने साल 2021 में $10 बिलियन की आय को पार किया, जो इसे सबसे तेजी से इस स्तर तक पहुंचने वाली भारतीय आईटी कंपनी बनाया. साल 2023-24 में इसकी समेकित आय $13.8 बिलियन थी.
एचसीएल टेक्नोलॉजी ने 11 जनवरी 2000 को अपना प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) लॉन्च किया, जिसमें 14.2 मिलियन शेयर जारी किए गए. प्रत्येक की कीमत 4 रुपए थी. इस आईपीओ को अभूतपूर्व 27 गुना रिस्पॉन्स मिला, जो उस समय की सबसे अधिक मांग थी. कंपनी के शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर लिस्ट हुए.
चिप और माइक्रो-लेवल सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट
शेयर प्राइस में ग्रोथएचसीएल टेक्नोलॉजी के शेयर मूल्य में उल्लेखनीय ग्रोथ देखी गई है.
IPO मूल्य (2000): 4 रुपए प्रति शेयर था. इसका वर्तमान मूल्य (5 जून 2025): लगभग 1,632.30 रुपए है. इस स्टॉक का 52-सप्ताह का हाई लेवल 2012.20 रुपए और सबसे कम भाव 1235.00 रुपए है.
IPO के समय से अब तक शेयर प्राइस में लगभग 40,750% की ग्रोथ हुई है. कंपनी ने लगातार डिविडेंड दिया है, जिसमें FY25 के में 60 प्रति शेयर का पूर्ण वर्ष लाभांश और 93.5% का भुगतान अनुपात शामिल है.