भड़ली नवमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जिसे विशेष रूप से राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और उत्तर भारत के अन्य क्षेत्रों में मनाया जाता है। यह दिन मां भद्रकाली या भड़ली माता की पूजा के लिए समर्पित है, और भक्त इस अवसर पर अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए विधिपूर्वक पूजा करते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, भड़ली नवमी श्रावण मास की नवमी तिथि को मनाई जाती है। यह मास आमतौर पर जुलाई और अगस्त के बीच आता है, इसलिए भड़ली नवमी प्रायः जुलाई में होती है, लेकिन कभी-कभी यह जून के अंत या जुलाई की शुरुआत में भी पड़ सकती है।
भड़ली नवमी 2025 में 17 जुलाई (गुरुवार) को मनाई जाएगी, जो श्रावण मास की नवमी तिथि के अनुसार है।
यह पर्व भड़ली माता के सम्मान में मनाया जाता है, जिन्हें संकटमोचक और कल्याणकारी देवी माना जाता है।
इस दिन भक्त विधिपूर्वक पूजा करते हैं और माता से सुख, समृद्धि, सुरक्षा और सफलता की प्रार्थना करते हैं।
विशेष रूप से महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं और देवी के मंदिरों में जाकर प्रसाद चढ़ाती हैं।
भड़ली नवमी पर श्रद्धालु सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और स्वच्छ वस्त्र पहनते हैं।
मां भड़ली की तस्वीर या मूर्ति के सामने दीपक जलाकर हल्दी, कुमकुम, फूल और मिठाई चढ़ाई जाती है।
भक्त मां से अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
भड़ली नवमी हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास की नवमी को आती है।
यह त्योहार अधिकतर जुलाई महीने में पड़ता है।
2025 में भड़ली नवमी 17 जुलाई को है।
इस दिन मां भड़ली की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की जाती है।
यदि आप भड़ली नवमी का पर्व मनाने की योजना बना रहे हैं, तो इस तिथि को ध्यान में रखें और श्रद्धा से पूजा करें।