हिंदू पंचांग के अनुसार 6 जून 2025 को एकादशी तिथि रहेगी और दिन शुक्रवार रहेगा। इस दिन निर्जला एकादशी व्रत रखा जाएगा। इसके साथ ही हस्त नक्षत्र सुबह 6:34 बजे तक रहेगा, उसके बाद चित्रा नक्षत्र शुरू हो जाएगा। व्यतिपात योग सुबह 10:13 बजे तक प्रभावी रहेगा, उसके बाद वरियान योग प्रभावी होगा। वणिज करण दोपहर 3:31 बजे तक रहेगा, उसके बाद विष्टि करण शुरू हो जाएगा। ग्रहों की स्थिति की बात करें तो चंद्रमा रात 8:06 बजे तक कन्या राशि में रहेगा, उसके बाद तुला राशि में प्रवेश करेगा। शुक्र मेष राशि में, सूर्य वृषभ राशि में, बुध वृषभ राशि में सुबह 9:29 बजे तक और उसके बाद मिथुन राशि में गोचर करेगा। बृहस्पति मिथुन राशि में, मंगल कर्क राशि में, केतु सिंह राशि में, राहु कुंभ राशि में और शनि मीन राशि में रहेगा।
6 जून 2025 को एकादशी तिथि और चंद्रमा का तुला राशि में गोचर रिश्तों, व्यापार और रचनात्मकता पर जोर देगा। चित्रा नक्षत्र और वरियान योग सृजनात्मकता और सफलता के अवसर लेकर आएंगे, लेकिन व्यतिपात योग और विष्टि करण के कारण दोपहर 3:31 बजे के बाद नए कार्यों की शुरुआत करने से बचें। यह दिन स्वास्थ्य, रिश्तों और निर्णय लेने में सावधानी बरतने का संकेत देता है। सही उपायों से आप अपने दिन को और अधिक शुभ बना सकते हैं। आइए ज्योतिषाचार्य डॉ. संजीव शर्मा से जानते हैं कि निर्जला एकादशी, शुक्रवार, 6 जून 2025 का दिन आपके लिए कैसा रहेगा और इसे शुभ बनाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
मेष
घर में तनाव की स्थिति बन सकती है, लेकिन पारिवारिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। भाई-बहनों से सहयोग मिलेगा। कार्यक्षेत्र में कड़ी मेहनत से सफलता मिलेगी। उपाय: शुक्र देव के बीज मंत्र 'ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः' का सुबह 21 बार जाप करें। घायल कुत्ते को खाना खिलाएं और उसका इलाज कराएं।
वृष
रचनात्मक कार्यों में सफलता मिलेगी। रिश्तों में निकटता आएगी और मन प्रसन्न रहेगा। व्यावसायिक और निजी कार्यों के लिए दिन शुभ है। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। उपाय: सुबह किसी छोटी कन्या को सफेद वस्त्र दान करें तथा शनि के बीज मंत्र 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः' का 21 बार जाप करें।
मिथुन
लंबे समय से प्रतीक्षित कार्य पूर्ण होने से आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। नौकरी में अधिकारियों से सहयोग मिलेगा। कार्यक्षेत्र में उन्नति के योग हैं। उपाय: सुबह गाय को हरा चारा खिलाएं तथा घायल गाय का उपचार कराएं। किसी छोटी कन्या को खीर या मीठा चावल खिलाएं।
कर्क
लेन-देन में सावधानी रखें। बुद्धि और कौशल से किए गए कार्य सफल होंगे। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। पेट संबंधी समस्या हो सकती है। उपाय: सुबह किसी गरीब को दूध या आटा दान करें। शनि के बीज मंत्र 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः' का 21 बार जाप करें।
सिंह
उपहार या सम्मान में वृद्धि होगी। पारिवारिक मामलों में धैर्य रखें। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी तथा मित्रों से मुलाकात सुखद रहेगी। उपाय: सुबह कुत्तों को तथा बंदरों को केले या गुड़-चना खिलाएं।
कन्या
रचनात्मक प्रयास फलीभूत होंगे। नौकरी में अफसरों का सहयोग मिलेगा। व्यापारिक योजनाएं सफल होंगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। उपाय: सुबह गाय को हरा चारा तथा कुत्ते को रोटी खिलाएं।
तुला
धन-सम्मान में वृद्धि होगी। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार में परिश्रम अधिक रहेगा, लेकिन लाभ भी होगा। पारिवारिक दायित्व की पूर्ति होगी। उपाय: सुबह किसी गरीब को आटा या चावल दान करें। सूर्य को जल अर्पित करें।
वृश्चिक
आर्थिक जोखिम से बचें। बुद्धि-कौशल से कार्य पूर्ण होंगे। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए दिन शुभ है। उपाय: सुबह बंदरों को केले या गुड़-चना खिलाएं तथा हनुमान चालीसा का पाठ करें।
धनु
संतान पक्ष से शुभ समाचार मिलेगा। महत्वाकांक्षाएं पूर्ण होंगी। आत्मविश्वास में कमी हो सकती है। रचनात्मक कार्यों में सफलता मिलेगी। उपाय: सुबह माता-पिता का आशीर्वाद लें। बृहस्पति के बीज मंत्र 'ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः' का 21 बार जाप करें और घायल गाय का इलाज करवाएं।
मकर राशि
सरकार से सहयोग मिलेगा। संतान के कारण चिंता रह सकती है। रिश्तों में निकटता आएगी। उपाय: सुबह शनि के बीज मंत्र 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः' का 21 बार जाप करें। शाम को शनि मंदिर में तेल का दीपक जलाएं।
कुंभ राशि
संतान की जिम्मेदारी पूरी कर पाएंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। दूसरों का सहयोग मिलेगा। उपाय: सुबह माता-पिता का आशीर्वाद लें। शाम को शनि मंदिर में तेल का दीपक जलाएं।
मीन राशि
पिता से सहयोग मिलेगा। अज्ञात भय से परेशान रह सकते हैं। धर्म में रुचि बढ़ेगी। स्वास्थ्य और संतान के कारण चिंता रह सकती है। उपाय: सुबह के समय हल्दी लगी चार रोटियां गाय को खिलाएं तथा रोटियां कुत्ते को खिलाएं।