भेड़ की आंत से बना 200 साल पुराना कंडोम इस समय चर्चा में है। नीदरलैंड के एक म्यूजियम में प्रदर्शित इस दुर्लभ कंडोम पर नन और पादरियों की कामुक नक्काशी की गई है। इस कंडोम को गर्भनिरोधक के इतिहास में एक महत्वपूर्ण और दुर्लभ नमूना माना जाता है। यह म्यूजियम इतिहास, कला और सेक्स शिक्षा का अनूठा मिश्रण प्रस्तुत करता है। यहां लोगों को सेक्स के इतिहास, समाज की नैतिकता और कला के सामाजिक प्रभाव को समझने का अवसर मिलता है।
वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह कंडोम 1830 ई. के आसपास बनाया गया था। माना जाता है कि इसे पेरिस के एक कुलीन वेश्यालय से लाया गया था। इस पर नग्न नन और तीन पादरियों की कामुक नक्काशी की गई है। इससे यह कंडोम न केवल गर्भनिरोधक, बल्कि कला का एक व्यंग्यपूर्ण कार्य भी बन जाता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 20 सेंटीमीटर लंबे इस कंडोम को हार्लेम में एक नीलामी में खरीदा गया था। पिछले नवंबर में इसे करीब 90,000 से 92,000 भारतीय रुपये में खरीदा गया था। इसे फिलहाल कांच के एक डिब्बे में रखा गया है। कंडोम पूरी प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण है। प्रदर्शनी में यौन स्वास्थ्य और कामुकता से संबंधित डच और फ्रांसीसी कलाकारों की पेंटिंग और तस्वीरें भी शामिल हैं।
1839 में वल्केनाइज्ड रबर के आविष्कार से पहले कंडोम बनाना एक शिल्प माना जाता था। उस समय जानवरों की झिल्लियों, लिनन और यहां तक कि कछुए के खोल का इस्तेमाल गर्भनिरोधक के तौर पर किया जाता था। इसका इस्तेमाल यौन संचारित रोगों से बचाव और गर्भधारण को रोकने के लिए किया जाता था।