अगर किसी कारण से पीरियड रुक गए या आप चाहते है, की पीरियड्स टाइम से हो जाए तो आप सभी महिलाओं की जानकारी के लिए बता दे की पीरियड्स डेट में पूरी तरह से कुछ चेंज लाना तो आपकी हेल्थ के लिए अच्छा नहीं हो सकता है। और न ही आप चाहकर भी इसमे कोई बदलाव कर सकते हैं। लेकिन कभी-कभी ऐसा टाइम होता है, जब माहिलाए चाहती है, वह बिना पीरिडस की टेंशन लिए हुए यात्रा, शादी, पार्टी या धार्मिक आयोजन जैसे जगहों पर जा सके,इसलिए बिना कोई दवाई के सहारे हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपाय बताएंगे जिसकी मदद से महिलाओं को रुके हुए पीरियड आसानी से टाइम पर आ सकते हैं।
महिलाओं में मासिक धर्म आना एक नॉर्मल प्रोसेस है, लेकिन बाइचांस ऐसा किसी किसी के साथ हो जाता है,की जब पीरियड्स देर से आते हैं। जिससे महिलाओं मे चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है। फिर पूरे दिन मूड स्विंग रहना इसके अलावा भी मैरिड माहिलाए अनसेफ सेक्स के बाद भी पीरियड जल्दी लाने के उपाय खोजती हैं,जिससे प्रेगनेंसी की टिकने के चांस कम हो। अक्सर माहिलाए चाहती है, की धार्मिक कारणों से या सार्वजनिक आयोजनों में भाग लेने से पहले भी(जल्दी से पीरियड्स कैसे लाया जाए) पहले पीरियड्स खत्म हो जाए।
पीरियड जल्दी लाने के उपाय शरीर में नेचुरल हार्मोन साइकल को थोड़ा प्रभावित करके किए जाते हैं। ये उपाय किसी प्रकार की दवा नहीं हैं बल्कि ऐसे फूड आइटम या घरेलू नुस्खे हैं जो शरीर में गर्मी बढ़ाते हैं और गर्भाशय की मांसपेशियों को संकुचन के लिए प्रेरित करते हैं। इससे पीरियड्स को जल्दी लाने में मदद मिल सकती है।
अजवायन और गुड़ का मिश्रण लंबे समय से महिलाओं द्वारा मासिक धर्म की समस्याओं में प्रयोग किया जाता रहा है। एक गिलास पानी में 1 चम्मच अजवायन और 1 चम्मच गुड़ मिलाकर उबाल लें और इसे सुबह खाली पेट पिएं। माना जाता है कि यह मिश्रण गर्भाशय में गर्मी उत्पन्न करता है और मासिक धर्म को प्रेरित कर सकता है।
अदरक (अदरक) को सबसे शक्तिशाली प्राकृतिक इमेनगॉग (Tekeagogue) माना जाता है, जो पीरियड्स लाने में मदद कर सकता है। इसका सेवन चाय के रूप में या अदरक के रस में शहद मिलाकर किया जा सकता है। अदरक गर्भाशय की दीवारों को संकुचित करने में मदद करता है जिससे पीरियड जल्दी आ सकते हैं। सुबह खाली पेट अदरक का सेवन करने से बेहतर परिणाम मिलते हैं।
पपीते में मौजूद कैरोटीन शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन को बढ़ावा देता है, जो मासिक धर्म को ट्रिगर करने में सहायक होता है। खासकर कच्चा पपीता गर्भाशय में संकुचन उत्पन्न कर पीरियड्स जल्दी ला सकता है। इसे दिन में दो बार नियमित रूप से खाने की सलाह दी जाती है। पपीता गर्म तासीर वाला फल है और इसे पारंपरिक भारतीय चिकित्सा में भी मासिक धर्म की अनियमितता के लिए उपयोग किया जाता रहा है।
सौंफ (सौंफ के बीज) का सेवन महिलाओं के हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में सहायक होता है। रातभर दो चम्मच सौंफ को एक गिलास पानी में भिगोकर रखें और सुबह छानकर खाली पेट पी जाएं। सौंफ का नियमित सेवन मासिक धर्म को नियमित करता है और समय से पहले पीरियड्स आने की संभावना बढ़ाता है।
मेथी के दाने (कसूरी मेथी) भी गर्म तासीर के कारण मासिक धर्म को जल्दी लाने में सहायक माने जाते हैं। इन्हें पानी में उबालकर पीने से गर्भाशय की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं और पीरियड्स की प्रक्रिया को ट्रिगर कर सकती हैं। यह उपाय लंबे समय से भारतीय आयुर्वेद में प्रचलित है और इसे सुरक्षित भी माना जाता है।
हालांकि ये सभी उपाय प्राकृतिक और घरेलू हैं, लेकिन फिर भी हर महिला का शरीर अलग होता है और उसकी हार्मोनल स्थिति भी। इसलिए इनमें से किसी भी उपाय को अपनाने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। खासतौर पर यदि आपकी पीरियड्स की समस्या बार-बार होती है या आप पहले से किसी दवा का सेवन कर रही हैं, तो डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है।