देश के हर परिवार तक एलपीजी सिलेंडर बुकिंग के चंद घंटों में घर तक हो रहा डिलीवर: हरदीप पुरी
Samachar Nama Hindi June 08, 2025 06:42 AM

नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को कहा कि देश में 33 करोड़ से अधिक ग्राहकों को अब बुकिंग के कुछ घंटों के भीतर ही एलपीजी सिलेंडर की डोरस्टेप डिलीवरी मिलती है।

विश्व एलपीजी दिवस के अवसर पर केंद्रीय मंत्री पुरी ने इस व्यापक पहुंच और दक्षता का श्रेय हर घर तक स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन को सुलभ बनाने के सरकार के निरंतर प्रयासों को दिया।

केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि देश भर में, विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों के खाना पकाने के तरीके में बदलाव के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) का विशेष योगदान रहा है।

उन्होंने कहा, "पीएमयूवाई के तहत 10.33 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन दिया गया है, जिससे उन्हें पारंपरिक ईंधन से सुरक्षित और स्वच्छ एलपीजी में परिवर्तन करने में मदद मिली।"

केंद्रीय मंत्री पुरी ने आगे कहा, "इस क्रांति ने रसोई के धुएं को कम कर न केवल स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार किया है, बल्कि महिलाओं के लिए कीमती समय भी बचाया है, जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।"

उन्होंने एलपीजी उत्पादन और वितरण में शामिल श्रमिकों के प्रयासों की भी सराहना की और कहा कि रसोई गैस नेटवर्क दूरदराज के गांवों से लेकर शहरी अपार्टमेंट परिसरों तक अब भारत के लगभग हर हिस्से को कवर करता है।

उन्होंने कहा, "आज देश के दूरदराज के गांवों और दुर्गम क्षेत्रों से लेकर शहरी की इमारतों और बंगलों में स्वच्छ रसोई ईंधन के रूप में एलपीजी लोगों के जीवन को आसान बना रही है।"

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एलपीजी की कीमतों में लगभग 58 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, लेकिन भारत में पीएमयूवाई लाभार्थियों को अभी भी 14.2 किलोग्राम का एलपीजी सिलेंडर मात्र 553 रुपए में मिल रहा है, जबकि नियमित उपभोक्ताओं के लिए सिलेंडर की यह कीमत 853 रुपए है।

सरकार ने ईंधन की वहनीयता सुनिश्चित करने के लिए कई सक्रिय कदम उठाए हैं, जिनमें प्रमुख उत्पाद शुल्क में कटौती और तेल विपणन कंपनियों को मूल्य वृद्धि को वहन करने के लिए प्रोत्साहित करना शामिल है।

केंद्रीय मंत्री पुरी ने यह भी कहा कि मोदी सरकार में आई एलपीजी क्रांति ने लाखों पेड़ों को कटने से बचाया है।

--आईएएनएस

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