आजकल खराब लाइफस्टाइल के चलते कई तरह की बीमारियां हमें घेर लेती हैं. ऐसे में दिल से जुड़ी बीमारियां अधिक सुनाई देती हैं. इनमें कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक के मामले रोजाना सामने आते हैं. अधिकतर लोगों को लगता है कि ये दोनों बीमारियां एक ही हैं, लेकिन इन दोनों में अंतर है. कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक में काफी अंतर होता है.
हार्ट अटैक व्यक्ति को तब आता है जब दिल तक खून नहीं पहुंचता है और कार्डिएक अरेस्ट में दिल अचानक से काम करना बंद कर देता है, जिसके चलते मृत्यु होती है. कार्डिएक अरेस्ट में दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है हार्ट अटैक में आर्टिरीज में ब्लड फ्लो रुक जाता है या खत्म हो जाता है, तब ऑक्सीजन की कमी से हार्ट का वह भाग डेड होने लगता है.
कार्डिएक अरेस्ट आने से पहले इंसान का शरीर कुछ संकेत देने लगता है. कार्डिएक अरेस्ट आने से पहले व्यक्ति कुछ मिनटों पहले बेहोश हो जाता है या बेसुध महसूस करने लगता है. ऐसे में तुरंत इलाज शुरू कर देना चाहिए.
हार्ट अटैक आने से पहले इंसान के शरीर में कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं. हार्ट अटैक आने से पहले सीने में दर्द सा या भारीपन महसूस होने लगता है. इसके साथ ही सांस फूलने लगती है और पसीना आने लगता है. कभी कभी उल्टी का एहसास भी होता है. ऐसे में यदि आपको कुछ ऐसा महसूस हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
ऊपर सारी बातें पढ़ने के बाद आप ये सोच रहे होंगे कि आखिर हार्ट फेल होना क्या होता है? हार्ट फेल होना कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक से अलग होता है. जब हमारे शरीर की मांसपेशियां ठीक से काम नहीं करती हैं तो ऐसे में खून आगे बढ़ने के बजाय कहीं फंस जाता है, जिससे फ्लो नहीं हो पाता है. ऐसा होने पर सांस फूलने लगती है और थकान सी महसूस होती है. ऐसे में दिल सही से काम नहीं कर पाता है और फेल हो जाता है.
नोटः यहां दी गई जानकारी की इंडिया काॅम पुष्टि नहीं करता. दिल से जुड़ी कोई भी समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.