दिल्ली भूकंप: शनिवार और रविवार की रात को दिल्ली और एनसीआर में हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे स्थानीय निवासियों में चिंता का माहौल बन गया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, यह भूकंप रात लगभग 1:23 बजे आया और इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.3 मापी गई। भूकंप का केंद्र दक्षिण-पूर्व दिल्ली में था और इसकी गहराई 5 किलोमीटर थी।
दिल्ली में भूकंप का केंद्र होने के कारण लोग घबरा गए। हाल के दिनों में दिल्ली में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, जो भविष्य में और अधिक गंभीर भूकंप का संकेत हो सकते हैं। फरवरी 2025 में भी दिल्ली में एक भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 4.0 थी। इसका केंद्र धौलाकुआं के पास था, जो जमीन की सतह से 5 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। इस भूकंप के झटके नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद तक महसूस किए गए थे।
दिल्ली को भूकंप के जोन IV में रखा गया है, जो उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में आता है। इस जोन में 5.5 से 7.0 तीव्रता तक के भूकंप आने की संभावना होती है। इस क्षेत्र में भूकंप आने का खतरा काफी अधिक है, जिससे जान-माल का नुकसान हो सकता है। दिल्ली का हिमालयी क्षेत्र के टकराव क्षेत्र से केवल 250 किलोमीटर की दूरी पर होना भी इसके भूकंप के खतरे को बढ़ाता है।
दिल्ली के आसपास कई स्थानीय फॉल्ट लाइन्स मौजूद हैं, जैसे सोहना फॉल्ट, मोरादाबाद फॉल्ट और दिल्ली-मुजफ्फरनगर फॉल्ट, जो भूकंप के खतरे को और बढ़ाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि भूकंप के हल्के झटके भविष्य में बड़े भूकंप का संकेत हो सकते हैं।
यह घटना हमें याद दिलाती है कि दिल्ली में भूकंपीय सुरक्षा और तैयारियों को लेकर गंभीरता से काम करना कितना आवश्यक है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।