Ashadh Gupt Navratri 2025 : जानें 9 दिनों की इस रहस्यमयी पूजा की तारीख और दस महाविद्याओं की चमत्कारी शक्ति –
sabkuchgyan June 09, 2025 11:25 AM

डिजिटल डेस्क: हम सभी साल में दो बार आने वाली चैत्र और शारदीय नवरात्रि के बारे में जानते हैं, जिसमें माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा धूमधाम से की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक साल में कुल चार नवरात्रि होती हैं? इनमें से दो नवरात्रि ‘गुप्त’ होती हैं – माघ और आषाढ़ महीने में। इन्हें गुप्त इसलिए कहा जाता है क्योंकि इनमें आम पूजा-पाठ की जगह तंत्र-मंत्र और विशेष सिद्धियों को पाने के लिए गोपनीय साधना की जाती है।

आषाढ़ महीने में आने वाली गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व है। यह समय दस महाविद्याओं की पूजा के लिए समर्पित होता है, जो देवी दुर्गा के ही दस शक्तिशाली और उग्र स्वरूप हैं।

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2025: तारीख और घटस्थापना

  • गुप्त नवरात्रि प्रारंभ: 6 जुलाई 2025, रविवार

  • गुप्त नवरात्रि समाप्त: 14 जुलाई 2025, सोमवार

  • घटस्थापना मुहूर्त: 6 जुलाई को सुबह के शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना की जा सकती है।

क्यों खास है गुप्त नवरात्रि?

गुप्त नवरात्रि मुख्य रूप से तांत्रिकों, साधकों और अघोरियों के लिए होती है जो कठोर तपस्या और साधना करके अलौकिक शक्तियां प्राप्त करना चाहते हैं। इन नौ दिनों में वे दस महाविद्याओं को प्रसन्न करने के लिए गोपनीय अनुष्ठान करते हैं। माना जाता है कि इस दौरान की गई साधना कभी विफल नहीं होती और साधक को मनचाहा वरदान मिलता है।

हालांकि, आम गृहस्थ लोग भी इन दिनों में माँ दुर्गा की सामान्य पूजा करके अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकते हैं।

कौन हैं दस महाविद्या?

दस महाविद्याएं देवी के दस अलग-अलग स्वरूप हैं, जिनकी पूजा से अलग-अलग फल मिलते हैं। ये हैं:

  1. माँ काली

  2. माँ तारा

  3. माँ त्रिपुरा सुंदरी

  4. माँ भुवनेश्वरी

  5. माँ छिन्नमस्ता

  6. माँ भैरवी

  7. माँ धूमावती

  8. माँ बागलमुखी

  9. माँ मातंगी

  10. माँ कमला

दस महाविद्या स्तोत्र पाठ के चमत्कारी लाभ

गुप्त नवरात्रि के दौरान “दस महाविद्या स्तोत्र” का पाठ करना बेहद शक्तिशाली माना जाता है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति पूरी श्रद्धा से इस स्तोत्र का पाठ करता है, उसे:

  • शत्रुओं पर विजय: माँ बगलामुखी की कृपा से शत्रुओं का नाश होता है।

  • धन माँ कमला धन और समृद्धि प्रदान करती हैं।

  • हर संकट से मुक्ति: माँ काली और भैरवी हर तरह के संकट और भय से रक्षा करती हैं।

  • ज्ञान और सिद्धि: माँ तारा और मातंगी की पूजा से ज्ञान और वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है।

  • मनोकामना पूर्ति: इन नौ दिनों में की गई साधना से साधक की हर इच्छा पूरी होती है।

अगर आप भी अपने जीवन में किसी बड़ी समस्या से जूझ रहे हैं या कोई विशेष इच्छा पूरी करना चाहते हैं, तो इस गुप्त नवरात्रि में पूरी श्रद्धा और पवित्रता के साथ माँ दुर्गा की आराधना करें। यह समय आपकी किस्मत के बंद दरवाजे खोलने की शक्ति रखता है।

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