सारा दोष आपके ऊपर ...महेंद्र सिंह धोनी या कोई और था वजह, CSK की कप्तानी से हटाने के 3 साल बाद रवींद्र जडेजा ने तोड़ी चुप्पी
News 18 June 09, 2025 06:16 PM

इंडियन प्रीमियर लीग की फ्रेंचाईज टीम चेन्नई सुपर किंग्स को लेकर हमेशा बातें की जाती है. महेंद्र सिंह धोनी अब तक इस टीम की कप्तानी किए जा रहे हैं. पहले रवींद्र जडेजा और अब रितुराज गायकवाड को कप्तानी दी गई लेकिन टीम अच्छा नहीं कर पाई. खराब प्रदर्शन की वजह से ही तीन साल बाद चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) की कप्तानी से रवींद्र जडेजा को हटाया गया था. अब उन्होंने आखिरकार इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ी. खबरें तो ऐसी भी थी कि फ्रेंचाईजी से रिश्ते में आई खटास की वजह से वो अलग हो सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

जिन्हें नहीं पता उनके लिए बता दें कि जडेजा ने 2022 सीजन से पहले CSK की कप्तानी संभाली थी और एमएस धोनी की जगह ली थी. CSK ने खराब शुरुआत की और अपने पहले चार मैच हार गए और जडेजा को आठ मैचों के बाद कप्तानी से हटा दिया गया. धोनी ने बीच सीजन में फिर से कप्तानी संभाली और CSK ने सीजन में केवल चार जीत के साथ तालिका में 9वें स्थान पर समाप्त किया.
धोनी ने 2023 सीजन के लिए कप्तानी बरकरार रखी लेकिन इस बात की काफी अटकलें थीं कि जडेजा को रिलीज़ या ट्रेड किया जा सकता है. हालांकि, उन्हें टीम में रखा गया और अगले सीजन में जब CSK ने पांचवीं बार ट्रॉफी जीती तो जडेजा फाइनल के स्टार बने. जडेजा ने इस घटना के बारे में ज्यादातर चुप्पी साधे रखी और पर्दे के पीछे क्या हुआ इसका खुलासा नहीं किया. उन्होंने कहा कि सोचा कि वह क्या अलग कर सकते थे लेकिन स्वीकार किया कि जब टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही होती है तो कप्तान ज्यादा कुछ नहीं कर सकता.यह मुश्किल था. टी20 क्रिकेट में हर गेंद एक घटना होती है. यह एक तेज खेल है लेकिन मेरे लिए यह एक अनुभव था. मैं बेहतर कर सकता था. एक कप्तान के रूप में अगर आपकी टीम अच्छा नहीं कर रही है तो सारा दोष कप्तानी पर आता है. दुर्भाग्य से टीम अच्छा नहीं कर रही थी. अगर हम जीत रहे होते और सभी योगदान दे रहे होते तो यह रॉकेट साइंस नहीं होता. कभी-कभी सामान्य चीजें काम करती हैं लेकिन जब आपके खिलाड़ी बल्लेबाज और गेंदबाज योगदान नहीं देते तो आप टी20 फॉर्मेट में नहीं जीत सकते.

रविंद्र जडेजा ने रविचंद्रन अश्विन के यूट्यूब चैनल पर कहा, “मुझे लगा कि मैं बेहतर कर सकता था, क्या मैं कुछ अलग कर सकता था. कुछ दिनों तक मैंने सोचा लेकिन फिर मुझे एहसास हुआ कि जब बल्लेबाज और गेंदबाज योगदान नहीं देते तो सब कुछ नकारात्मक लगता है. अगर आप अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो सब कुछ अच्छा लगता है. यह बदलाव काम आया. टी20 फॉर्मेट में बल्लेबाजी क्रम को बदलना पड़ता है.”

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