जम्मू-कश्मीर के विकसित औद्योगिक क्षेत्र घाटी के स्थानीय लोग आज भी पेयजल के लिए तरस रहे
Udaipur Kiran Hindi June 10, 2025 03:42 AM

कठुआ 09 जून (Udaipur Kiran) । जिला कठुआ के अधीन पड़ती पंचायत घाटी के स्थानीय लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल पेयजल समस्या को लेकर जल शक्ति विभाग कठुआ के कार्यकारी अभियंता से मिलने उनके कार्यालय पहुंचा।

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे पूर्व सरपंच निक्कू ने कहा की पंचायत घाटी अब जम्मू-कश्मीर का एक विकसित औद्योगिक क्षेत्र बन चुका है, लेकिन औद्योगिक क्षेत्र से ठीक 500 मीटर की दूरी पर एक मोहल्ला है जिसमें करीब 40 घर है और पिछले 50 वर्षों से पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर घर जल, हर घर नल परियोजना के तहत इस मोहल्ले में पाइपलाइन तो बिछाई गई है और नल के भी लगा दिए गए हैं लेकिन उनमें पानी एक बूंद तक नहीं आता। आज भी इन लोगों को इस चिलचिलाती धूप में 500 मीटर पैदल चलकर इकाइयों से बाहर लगे नल से पानी भरना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज घाटी में एक विशाल औद्योगिक क्षेत्र स्थापित कर दिया गया है, लेकिन स्थानीय लोगों का उसका कोई भी फायदा नहीं मिल रहा। प्रतिनिधिमंडल में आए स्थानीय लोगों ने कहा कि पिछले 50 वर्षों से इस मोहल्ले में रह रहे हैं, लेकिन आज तक पानी की समस्या से निजात नहीं मिल पाई है। आज भी 1 किमी दूर जाकर घर की औरतें बच्चे पानी लेकर आते हैं। उन्होंने कहा कि इस बढ़ती गर्मी के बीच इंसानों के साथ-साथ पशु पक्षियों को भी पानी की जरूरत होती है। लेकिन हमारी बदकिस्मती कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के बाद भी आज भी उन्हें पानी जैसी मूलभूत सुविधा के लिए जल शक्ति विभाग के दरवाजे खटखटाना पड़ रहे हैं, जबकि उनका क्षेत्र जम्मू कश्मीर का सबसे विकसित औद्योगिक क्षेत्र बन चुका है लेकिन स्थानीय लोगों को पानी तक नहीं मिल रहा। उन्हें कहा कि पिछले डेढ़ वर्ष से उनके गांव में जल शक्ति विभाग की ओर से पाइपलाइन तो बिछाई गई है लेकिन उनमें पानी नहीं आया। उन्होंने जल शक्ति विभाग को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पेयजल समस्या का जल समाधान नहीं हुआ तो सभी गांववासी परिवार सहित बर्तनों को लेकर जल शक्ति विभाग कार्यालय के बाहर धरना देंगे।

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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया

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