निकोलस पूरन ने IPL में छाप लिए इतने पैसे जितने इंटरनेशनल क्रिकेट में सालों खेलकर भी नहीं कमा पाते, जानिए कितनी मिलती थी धाकड को नेशनल टीम में सैलरी
SportsNama Hindi June 10, 2025 04:42 PM

क्रिकेट न्यूज डेस्क।।  वेस्टइंडीज के स्टार बल्लेबाज निकोलस पूरन ने 29 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहकर क्रिकेट जगत को चौंका दिया है। इस फैसले के पीछे सबसे बड़ी वजह उनकी कमाई मानी जा रही है। फ्रेंचाइजी क्रिकेट में उन्हें मिलने वाली मोटी रकम के मुकाबले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से उनकी कमाई काफी कम थी। पूरन का यह कदम आधुनिक क्रिकेट में बदलते ट्रेंड को दर्शाता है, जहां खिलाड़ी बेहतर वित्तीय अवसरों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

9 साल का अंतरराष्ट्रीय करियर

अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी और बेहतरीन विकेटकीपिंग के लिए मशहूर निकोलस पूरन ने 2016 में वेस्टइंडीज के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था। उन्होंने वनडे और टी20 फॉर्मेट में अपने आक्रामक अंदाज से फैंस का दिल जीता, लेकिन कभी टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला। अपने 9 साल के करियर के दौरान निकोलस पूरन ने वेस्टइंडीज के लिए सिर्फ 61 वनडे और 104 टी20 मैच खेले। साथ ही, वह दुनिया भर की क्रिकेट लीग में भी खेले।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और फ्रेंचाइजी क्रिकेट से होने वाली कमाई में अंतर
पूरन के संन्यास की एक बड़ी वजह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और फ्रेंचाइजी क्रिकेट से होने वाली कमाई में बहुत बड़ा अंतर है। फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलने के कारण वे वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड द्वारा दिए जाने वाले सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का हिस्सा नहीं थे। ऐसे में वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड उन्हें मैच फीस देता था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड से उन्हें एक वनडे मैच के लिए करीब 1,96,946 रुपये (2300 डॉलर) और एक टी20 इंटरनेशनल मैच के लिए 1,48,566 रुपये (1735 डॉलर) मिलते थे। वहीं फ्रेंचाइजी क्रिकेट में उनकी कमाई कई गुना ज्यादा है। मसलन, आईपीएल 2025 में लखनऊ सुपर जायंट्स ने उन्हें 21 करोड़ रुपये की मोटी रकम देकर रिटेन किया। यह रकम एक सीजन के लिए है, जबकि इंटरनेशनल क्रिकेट में इतनी कमाई करने के लिए उन्हें कई साल खेलना होगा। कैरेबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल), साउथ अफ्रीका टी20 लीग और आईएलटी20 लीग जैसी दुनिया भर की टी20 लीग में भी पूरन की काफी डिमांड है। इन लीग में न सिर्फ मोटी रकम मिलती है बल्कि कम समय में ज्यादा मैच खेलने का मौका भी मिलता है। यह आर्थिक अंतर कई खिलाड़ियों को फ्रैंचाइजी क्रिकेट की ओर आकर्षित कर रहा है और पूरन का फैसला इसका ताजा उदाहरण है।

वेस्टइंडीज क्रिकेट के लिए चुनौती

पूरन का संन्यास वेस्टइंडीज क्रिकेट के लिए बड़ा झटका है। इससे पहले भी क्रिस गेल, ड्वेन ब्रावो और कीरोन पोलार्ड जैसे कई स्टार खिलाड़ी फ्रैंचाइजी क्रिकेट को तरजीह दे चुके हैं। पूरन जैसे युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ी के जाने से वेस्टइंडीज की बल्लेबाजी और कमजोर हो सकती है। अब क्रिकेट बोर्ड के सामने नई प्रतिभाओं को खोजने और उन्हें निखारने की चुनौती है। इसके साथ ही खिलाड़ियों को आर्थिक रूप से प्रेरित करने के लिए बेहतर नीतियां बनाना भी जरूरी होगा।

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