नई टोल टैक्स पॉलिसी: सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय अब देश में नई टोल पॉलिसी लागू करने की दिशा में काम कर रहा है, जिसमें टोल टैक्स की वसूली यात्रा की दूरी के अनुसार की जाएगी. यानी अब वाहन चालकों को केवल उतना ही टोल देना होगा, जितनी किलोमीटर की उन्होंने यात्रा की है.
नई टोल नीति के तहत टोल बूथों पर फास्टैग (FASTag) और अत्याधुनिक कैमरे लगाए जाएंगे. ये कैमरे नंबर प्लेट की पहचान (ANPR टेक्नोलॉजी) से जुड़े होंगे, जो वाहन के प्रवेश और निकास बिंदुओं को रिकॉर्ड करेंगे. इसी आधार पर टोल की रकम सीधे बैंक खाते से कटेगी.
वर्तमान में टोल वसूली 60 किलोमीटर के तय मानक पर आधारित होती है, भले ही वाहन ने कम दूरी ही क्यों न तय की हो. लेकिन नई पॉलिसी के लागू होने के बाद यात्रियों को उसी दूरी का ही टोल देना होगा जितनी उन्होंने तय की है. इससे न केवल यात्रा किफायती होगी बल्कि सटीक और पारदर्शी वसूली भी सुनिश्चित होगी.
नई प्रणाली में यदि बैंक खाते में बैलेंस कम है तो टोल की वसूली में दिक्कत आने पर पेनाल्टी भी लग सकती है. इसलिए वाहन चालकों को फास्टैग से जुड़े बैंक खाते में पर्याप्त राशि रखना अनिवार्य होगा.
इस नई पॉलिसी के अंतर्गत सरकार बैरियर-फ्री टोलिंग सिस्टम की भी तैयारी कर रही है, जिससे यात्रियों को टोल बूथ पर रुकने की जरूरत नहीं होगी. इससे लंबी कतारों से राहत मिलेगी और सफर और अधिक सुगम बन जाएगा.
इसके साथ ही सरकार फास्टैग एनुअल पास (FasTag Annual Pass) लाने पर भी विचार कर रही है. इस प्रस्ताव के तहत, वाहन चालक सालभर के लिए एकमुश्त 3,000 रुपये का भुगतान कर सकेंगे और पूरे साल फ्री ट्रैवल कर पाएंगे. हालांकि इस प्रस्ताव को लेकर अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.
नई टोल पॉलिसी से जहां यात्रियों को अर्थिक लाभ मिलेगा, वहीं यात्रा समय में भी कमी आएगी. साथ ही, टोल वसूली में पारदर्शिता, डिजिटलीकरण और कम विवाद जैसी स्थितियां भी सुनिश्चित होंगी. इस नीति के आने से देश में स्मार्ट टोलिंग सिस्टम की ओर बड़ा कदम माना जा रहा है.