राष्ट्रीय राजधानी से सटे हरियाणा के फरीदाबाद में फरीदाबाद जैसा 'किडनी गैंग' का एक और मामला सामने आया है। महानगर के बीके अस्पताल के हार्ट सेंटर में एक फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट ने 55 लोगों के हार्ट की सर्जरी कर दी। इस मामले के खुलासे के बाद अस्पताल प्रबंधन ने डॉक्टर को हटा दिया है। मामले की जांच एसीबी को सौंप दी गई है। इस डॉक्टर की पहचान डॉ. पंकज मोहन के रूप में हुई है। आरोप है कि इसने एक डॉक्टर के नाम का दुरुपयोग कर कार्डियोलॉजिस्ट की नौकरी हासिल की थी। यह मामला फरीदाबाद के बीके अस्पताल स्थित हार्ट सेंटर का है। पिछले दिनों इस अस्पताल में हार्ट की सर्जरी के दौरान तीन मरीजों की मौत हो गई थी। यह मामला तब सामने आया जब एक मरीज असली डॉ. पंकज मोहन के क्लीनिक पर पहुंचा। हार्ट सेंटर की पर्ची पर अपना नाम और मुहर देखकर असली डॉ. पंकज मोहन खुद चौंक गए। उन्होंने इस संबंध में आईएमए में शिकायत दर्ज कराई। जानकारी मिलते ही वकील संजय गुप्ता ने दो महीने पहले एसजीएम नगर थाने और स्वास्थ्य विभाग में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। डॉक्टर को हटाया गया
इस शिकायत पर पुलिस या स्वास्थ्य विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। अंत में वकील गुप्ता ने सीएम विंडो और गृह मंत्रालय में शिकायत की। इसके बाद सरकार ने कार्रवाई की और मामले की जांच एसीबी को सौंप दी गई। इस जांच की खबर मिलते ही अस्पताल प्रबंधन ने आनन-फानन में डॉ. पंकज मोहन को हटा दिया। इस संबंध में सीएमओ डॉ. जयंत आहूजा ने कहा कि मामले की जांच एसीबी के पास है। इसलिए फिलहाल इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई कार्रवाई उचित नहीं है।
2018 में शुरू हुआ था हार्ट सेंटर
जानकारी के अनुसार हरियाणा सरकार का मेडिट्रिना हॉस्पिटल्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत वर्ष 2018 में पीपीपी मोड पर बीके अस्पताल में हार्ट सेंटर शुरू किया गया था। इस सेंटर में पिछले वर्ष जुलाई में डॉ. पंकज मोहन की नियुक्ति हुई थी। हालांकि, उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद उन्हें इस वर्ष फरवरी में हटा भी दिया गया था। डॉ. पंकज पर बीपीएल, आरक्षित श्रेणी और आयुष्मान भारत योजना के तहत फर्जी बिल बनाकर धोखाधड़ी करने का भी आरोप है। डॉक्टर का सत्यापन नहीं कराया गया
बीके अस्पताल के हार्ट सेंटर में डॉक्टरों की नियुक्ति को लेकर हरियाणा सरकार और मेडिट्रिना हॉस्पिटल्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच हुए समझौते में डॉक्टरों के सत्यापन का उल्लेख था। इसमें प्रावधान था कि इस अस्पताल में किसी भी डॉक्टर की नियुक्ति से पहले उसका मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में सत्यापन कराया जाएगा। लेकिन, अस्पताल प्रबंधन ने एमबीबीएस डॉ. पंकज मोहन शर्मा को नियुक्त कर दिया और सत्यापन नहीं कराया।
क्या कहते हैं जिम्मेदार लोग?
मेडिट्रिना अस्पताल के मुख्य प्रबंध निदेशक डॉ. एन. प्रताप के अनुसार, इस मामले के प्रकाश में आने के बाद बीके में चल रहे हार्ट सेंटर को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी डॉक्टर या कर्मचारी की नियुक्ति के समय सत्यापन का काम एचआर विभाग करता है। पता चला है कि उन्होंने डॉ. पंकज मोहन का सत्यापन नहीं कराया। मामला प्रकाश में आने के बाद डॉक्टर को भी हटा दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। उधर, सीएमओ ने मामले की एसीबी द्वारा जांच किए जाने के कारण टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।