अहमदाबाद प्लेन क्रैश : हादसे के समय पायलट कब और क्यों कहता है MAYDAY MAYDAY?
Webdunia Hindi June 13, 2025 01:42 AM

what is mayday call: 12 जून 2025 की दोपहर, अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली Air India Flight AI171 (Boeing 787 ड्रीमलाइनर) को टेकऑफ के बस कुछ ही देर बाद तकनीकी परेशानी का सामना करना पड़ा। पायलट ने “Mayday, Mayday” कहते हुए मदद की मांग की, और उसके कुछ ही पलों में विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस ट्रैजिडी से एक महत्वपूर्ण सवाल उभरता है: पायलट “मार्गदर्शन की मदद चाहिए” कहते हैं, तब Mayday का मतलब क्या होता है, यह कॉल क्यों और कब दी जाती है? आइए इसे गहराई से समझते हैं।

“Mayday” एक अंतर्राष्ट्रीय रेडियो डिस्ट्रेस सिग्नल है, जिसका उपयोग सिर्फ जीवन-धमकी वाली जीवंत आपात स्थिति (life-threatening emergency) में किया जाता है । इसका नाम फ़्रेंच शब्द “m’aider” (मदद करो) से लिया गया है। पायलट जब तीन बार “Mayday” कहता है, तो उसका मतलब होता है कि अभी तुरंत एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) और इमरजेंसी सर्विसेज को हाईप्रायोरिटी पर निर्देश चाहिए, कोई मशीन फेल होना, इंजन की समस्या, फ्यूल इमरजेंसी, या किसी को गंभीर चोट के खतरे जैसी स्थिति।

पायलट कब कहता है Mayday?

इंजिन फेल्यर या तकनीकी खराबी: अहमदाबाद दुर्घटना के रिपोर्ट के अनुसार, विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद ही एल्टीट्यूड गंवा बैठा, शायद टेकऑफ़ स्पीड पूरी ना होने की वजह से।

ऑनबोर्ड फायर, लोस ऑफ कंट्रोल: ऐसी गंभीर घटनाओं में भी पायलट Mayday कॉल करता है।

बहुत खराब फ्यूल या हवाई यातायात की समस्या: सीमित ईंधन या runway से टेकऑफ़ में वक्त मांगे जाने जैसी परिस्थितियों में भी Mayday जरूरी हो जाती है।

Mayday कॉल की प्रक्रिया और असर

पहला कदम: संकट का तुरंत आकलन।

दूसरा: “Aviate, Navigate, Communicate”- पहले विमान को नियंत्रित करना, फिर स्थिति को बताए बिना तुरंत MAYDAY बोलना।

तीसरा: ATC और नज़दीकी एयरक्राफ्ट तुरंत रेडियो पर सभी अन्य बातचीत रोककर उसी आपात स्थिति को प्राथमिकता देगा।

चौथा: पायलट अपनी कॉलसाइन, लोकेशन, इमरजेंसी के संक्षिप्त विवरण और जरुरत (जैसे लो फ्यूल, इमरजेंसी लैंडिंग) बताएगा ।

Mayday का अंतिम संदेश

Mayday कॉल का उद्देश्य केवल मदद मांगना नहीं, बल्कि सावधानी और तत्परता का विश्वस्तरीय संकेत भेजना होता है। यह आकस्मिक घटना, जैसे अहमदाबाद क्रैश, यह दर्शाती है कि पायलट ने गंभीर जोखिम का अनुभव करते हुए तुरन्त मदद मांगी। यही कॉल ATC, रेस्क्यू टीम, फायर ब्रिगेड और आपात सेवाओं को तुरंत सक्रिय करती है।

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