World Day Against Child Labor 2025
विश्व बाल श्रम विरोधी दिवस 2025: हर वर्ष 12 जून को विश्व बाल श्रम विरोधी दिवस मनाया जाता है। यह दिन उन लाखों बच्चों की याद दिलाता है, जो शिक्षा और बचपन के आनंद से वंचित होकर कम उम्र में ही कठिन परिस्थितियों में काम करने को मजबूर हैं। यह एक वैश्विक पहल है जिसका उद्देश्य बाल श्रम के खिलाफ जागरूकता फैलाना और इसे समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाना है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने इस दिवस की शुरुआत 2002 में की थी और तब से यह हर साल एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है, जो बाल श्रम की विभिन्न समस्याओं पर प्रकाश डालता है।
बाल श्रम एक गंभीर सामाजिक समस्या है, जो न केवल बच्चों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है, बल्कि समाज के विकास में भी बाधा डालती है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 160 मिलियन बच्चे (5 से 17 वर्ष की आयु) बाल श्रम में संलग्न हैं। इनमें से अधिकांश बच्चे खतरनाक परिस्थितियों में काम करते हैं, जैसे कि खनन, कृषि, निर्माण और घरेलू काम।
इसके बावजूद, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बच्चे अभी भी ढाबों, कारखानों और घरेलू कामों में लगे हुए हैं। विशेष रूप से अनौपचारिक क्षेत्रों में बाल श्रम की समस्या गंभीर है।
गरीबी
गरीबी बाल श्रम का सबसे बड़ा कारण है। कई परिवारों के लिए बच्चों का काम करना जीविकोपार्जन का एकमात्र साधन होता है। गरीब परिवार अपने बच्चों को स्कूल भेजने के बजाय काम पर भेजने को मजबूर होते हैं।
अशिक्षा
शिक्षा तक पहुंच की कमी भी बाल श्रम को बढ़ावा देती है। जब माता-पिता स्वयं अशिक्षित होते हैं, तो वे अपने बच्चों की शिक्षा के महत्व को नहीं समझ पाते।
सामाजिक असमानता
समाज में जातिगत, लैंगिक और आर्थिक असमानताएं भी बच्चों को श्रम के लिए मजबूर करती हैं। विशेष रूप से हाशिए पर रहने वाले समुदायों के बच्चे इस समस्या का सबसे ज्यादा शिकार होते हैं।
कमजोर कानून प्रवर्तन
कई देशों में बाल श्रम के खिलाफ कानून तो हैं, लेकिन उनका प्रभावी कार्यान्वयन नहीं हो पाता। इससे बाल श्रम को बढ़ावा मिलता है।
उद्योगों की मांग
कुछ उद्योगों जैसे कि कालीन बुनाई, आतिशबाजी और कृषि में बच्चों की छोटी उंगलियों और कम लागत की वजह से उनकी मांग रहती है।
बाल श्रम का बच्चों के जीवन पर गहरा और दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है। इसके कुछ प्रमुख दुष्परिणाम निम्नलिखित हैं:
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
खतरनाक परिस्थितियों में काम करने से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास रुक जाता है। वे चोट, बीमारी और तनाव का शिकार हो सकते हैं।
शिक्षा से वंचित होना
काम करने के कारण बच्चे स्कूल नहीं जा पाते, जिससे उनकी शिक्षा और भविष्य की संभावनाएं प्रभावित होती हैं।
सामाजिक अलगाव
बाल श्रम में संलग्न बच्चे सामाजिक गतिविधियों और खेलकूद से वंचित रहते हैं, जो उनके व्यक्तित्व के विकास के लिए आवश्यक हैं।
गरीबी का चक्र
शिक्षा की कमी और कम आय के कारण ये बच्चे बड़े होने पर भी गरीबी के चक्र से बाहर नहीं निकल पाते।
विश्व बाल श्रम विरोधी दिवस पर कई तरह की गतिविधियां आयोजित की जाती हैं जैसे:
जागरूकता अभियानस्कूलों, कॉलेजों और समुदायों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें नाटक, सेमिनार और रैलियों के माध्यम से लोगों को बाल श्रम के दुष्परिणामों के बारे में बताया जाता है।
शैक्षिक पहलबच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता देने के लिए योजनाएं शुरू की जाती हैं।
कानूनी जागरूकतालोगों को बाल श्रम के खिलाफ कानूनों के बारे में जानकारी दी जाती है ताकि वे इसका उल्लंघन होने पर शिकायत दर्ज कर सकें।
सामुदायिक सहभागितागैर-सरकारी संगठन और स्थानीय समुदाय मिलकर बच्चों को काम से निकालकर स्कूलों में भेजने के लिए काम करते हैं।
भारत सरकार ने बाल श्रम को समाप्त करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें शामिल हैं:
बाल श्रम (निषेध और विनियमन) संशोधन अधिनियम 2016
इस कानून ने 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए सभी प्रकार के रोजगार पर प्रतिबंध लगा दिया है, सिवाय कुछ पारिवारिक व्यवसायों के।
राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना (NCLP)
इस परियोजना के तहत बाल श्रमिकों को विशेष स्कूलों में शिक्षा दी जाती है ताकि वे मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली में शामिल हो सकें।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) 2009
इस कानून ने 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा को सुनिश्चित किया है।
मिड-डे मील योजना
इस योजना ने स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने में मदद की है, जिससे बाल श्रम में कमी आई है।
बाल श्रम को खत्म करने की जिम्मेदारी केवल सरकार की ही नहीं, बल्कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति की भी है। हम निम्नलिखित तरीकों से इसमें योगदान दे सकते हैं:
- जागरूकता फैलाएं: अपने आसपास के लोगों को बाल श्रम के नकारात्मक प्रभावों के बारे में बताएं।
- शिक्षा को प्रोत्साहित करें: अपने समुदाय में बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करें।
- बाल श्रम की शिकायत करें: यदि आप कहीं बाल श्रम देखें तो इसकी शिकायत स्थानीय प्रशासन या चाइल्ड हेल्पलाइन (1098) पर करें।
- स्थानीय संगठनों का समर्थन करें: बाल श्रम के खिलाफ काम करने वाले गैर-सरकारी संगठनों को समय या संसाधन देकर मदद करें।
विश्व बाल श्रम विरोधी दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हर बच्चे का बचपन अनमोल है। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम उन्हें शिक्षा, सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन प्रदान करें। बाल श्रम को समाप्त करने के लिए सरकार, समाज और व्यक्तियों को मिलकर काम करना होगा। जब तक हम इस दिशा में ठोस और निरंतर प्रयास नहीं करेंगे, तब तक एक समावेशी और समृद्ध समाज की कल्पना अधूरी रहेगी।
आइए इस 12 जून को हम संकल्प लें कि हम अपने आसपास के प्रत्येक बच्चे को उसका हक दिलाने में मदद करेंगे। एक ऐसा समाज जहां हर बच्चा स्कूल जाए, सपने देखे और उन्हें पूरा करने का अवसर पाए, वही हमारा सच्चा लक्ष्य होना चाहिए।