योगिनी एकादशी 2025: पूजा विधि और महत्व
newzfatafat June 13, 2025 08:42 PM
योगिनी एकादशी 2025: तिथि और महत्व

योगिनी एकादशी कब है 2025: योगिनी एकादशी भगवान विष्णु की आराधना और मोक्ष की प्राप्ति का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह व्रत आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है, जो स्वर्ग और सुख-शांति का मार्ग प्रशस्त करता है। इस वर्ष, योगिनी एकादशी 21 जून को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने का पुण्य प्राप्त होता है। आइए, इस व्रत की तिथि, पूजा विधि और इसके महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं।


योगिनी एकादशी का मुहूर्त

योगिनी एकादशी 2025 (Yogini Ekadashi 2025) 21 जून को सुबह 7:18 बजे प्रारंभ होगी और 22 जून को सुबह 4:27 बजे समाप्त होगी। व्रत का पारण 22 जून को दोपहर 1:47 बजे से शाम 4:35 बजे के बीच किया जाएगा। यह समय भगवान विष्णु की पूजा के लिए शुभ माना जाता है। सही मुहूर्त का पालन करके व्रत को और अधिक फलदायी बनाया जा सकता है। इस दिन भक्त उपवास रखकर भगवान की कृपा प्राप्त करते हैं।


पूजा विधि: भक्ति से करें शुरुआत


योगिनी एकादशी की पूजा (Yogini Ekadashi Puja Vidhi) में सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर पीले वस्त्र पहनें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें। भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित कर दीप, धूप, पुष्प और तुलसी अर्पित करें। “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। दिनभर फलाहार या निर्जला व्रत रखें। शाम को पीपल की पूजा करें और रात में भजन-कीर्तन करें। अगले दिन दान देकर व्रत खोलें।


योगिनी एकादशी का धार्मिक महत्व


योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi Ka Mahatva) को मोक्षदायिनी एकादशी भी कहा जाता है। यह व्रत पापों से मुक्ति और जीवन में शांति लाने में सहायक होता है। शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत से भयंकर श्राप भी टल जाते हैं। भक्तों को रोग, दरिद्रता और बाधाओं से छुटकारा मिलता है। यह व्रत तीनों लोकों में प्रसिद्ध है और भगवान विष्णु की भक्ति से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह दिन आध्यात्मिक उन्नति का अनमोल अवसर है।


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