बोइंग 787 ड्रीमलाइनर व्हिसलब्लोअर अलार्म उठाते हैं: गुरुवार दोपहर अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 महज 5 मिनट उड़ने के बाद ही क्रैश हो गई। इस भयानक हादसे में अब तक कुल 265 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे ने अमेरिका की बोइंग कंपनि पर कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
लेकिन क्या आप जानते है कि मंगलवार को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया क्रैश में जिस बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान का इस्तेमाल हुआ उसके निर्माण को लेकर करीब एक साल पहले ही गंभीर चेतावनी दी गई थी। एक व्हिसलब्लोअर(Whistleblower) ने इस विमान की बनावट में खामियों की बात उठाई थी।
Whistleblower आरोप लगाया था कि विमान को असुरक्षित तरीकों से जोड़ा गया और कई ज़रूरी प्रक्रियाओं में शॉर्टकट अपनाए गए। जिसके बाद उसकी रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। चलिए जानते है इसके बारे में।
अहमदाबाद प्लेन क्रैश हादसे ने देश ही नहीं पूरी दुनिया को हिला दिया है। सवाल अब एयर इंडिया से लेकर अमेरिका की बोइंग कंपनी तक पर उठ रहे हैं। क्योंकि ये वही विमान था बोइंग 787 ड्रीमलाइनर, जिसे अब तक ‘दुनिया का सबसे सुरक्षित प्लेन’ बताया जाता रहा है।
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अब सवाल ये कि क्या बोइंग 787 ड्रीमलाइनर वाकई सेफ है? क्योंकि ये पहली बार नहीं है जब ड्रीमलाइनर पर सवाल खड़े हुए हों।
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2024 में बोइंग के एक इंजीनियर सैम सालेहपुर(Salehpour) ने बड़ा खुलासा किया था। उन्होंने कहा था कि बोइंग ने ड्रीमलाइनर बनाने में शॉर्टकट अपनाए और इसके ढांचे के कई हिस्से गलत तरीके से जोड़े गए। इतना ही नहीं उन्होंने ये दावा भी किया था कि “कर्मचारी प्लेन के पुर्जों पर कूदकर उन्हें जबरदस्ती फिट करते थे।” जो साफ तौर पर बेहद खतरनाक है।
बोइंग में 30 साल काम कर चुके जॉन बार्नेट(John Barnett) जो क्वालिटी इंस्पेक्टर थे, उन्होंने भी बोइंग पर घटिया पुर्जे लगाने और सुरक्षा से समझौता करने के गंभीर आरोप लगाए थे। लेकिन मार्च 2024 में उनकी रहस्यमयी मौत हो गई। वो भी ऐसे समय जब वो कंपनी के खिलाफ कोर्ट में गवाही दे रहे थे।
FAA यानी अमेरिका की एविएशन रेगुलेटरी बॉडी और NTSB यानी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड इस हादसे की जांच में शामिल हो चुके हैं। भारत की डीजीसीए भी जांच कर रही है। जांच अब इस बात पर फोकस कर रही है कि क्या वाकई ड्रीमलाइनर की अंदरूनी बनावट में ऐसी कमजोरियां थीं जो इतने बड़े हादसे की वजह बन सकती थीं?
बोइंग ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है लेकिन सवाल तो बड़े हैं। क्या इतने लोगों की जान इसलिए गई क्योंकि एक कंपनी ने वक्त से पहले डिलीवरी देने के लिए सेफ्टी से समझौता कर लिया था? क्या बार्नेट और सालेहपुर जैसे लोगों की बातों को नजरअंदाज करना आज की ये तबाही बन गया?
हालांकि फिलहाल इस हादसे की जांच जारी है और अब तक इस पुराने अलर्ट का सीधा संबंध मंगलवार के क्रैश से नहीं जुड़ा है। लेकिन ये इत्तेफाक चौंकाने वाला जरूर है कि जिसे ‘ड्रीमलाइनर’ कहा गया उसकी हकीकत अब एक दर्दनाक हादसे में बदल गई।