इसराइल ने शुक्रवार को ईरान में अलग-अलग जगहों पर हमले किए और कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम का केंद्र इनके निशाने पर है.
ईरान की तरफ़ से तुरंत प्रतिक्रियात्मक हमलों की आशंका के बीच इसराइल ने समूचे देश में आपातकाल घोषित कर दिया है.
ईरान के सरकारी मीडिया के मुताबिक़ इन हमलों में ईरान की सेना की शक्तिशाली शाखा रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर हौसेन सलामी और कई परमाणु वैज्ञानिक मारे गए.
इन हमलों में ईरान के प्रमुख यूरेनियम संवर्धन प्रतिष्ठान को भी निशाना बनाया गया है.
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ये हमले कब और कहां-कहां हुए?स्थानीय समयानुसार 03:30 बजे ईरानी राजधानी तेहरान में धमाके सुने गए. ईरान के सरकारी मीडिया के मुताबिक़ रिहायशी इलाक़ों पर भी हमला हुआ. तेहरान के उत्तर-पूर्वी इलाक़ों में भी धमाके सुने गए. हालांकि, बीबीसी ने इन रिपोर्टों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की है.
इसराइल में, ठीक इसी समय लोग आपात चेतावनी सायरनों की आवाज़ से जाग उठे और उन्हें फ़ोन पर भी आपात अलर्ट प्राप्त हुए.
ईरानी मीडिया के मुताबिक़, शुरुआती हवाई हमलों के कुछ घंटे बाद, नातांज परमाणु केंद्र पर धमाका सुना गया. ईरान का ये परमाणु ठिकाना राजधानी तेहरान से दक्षिण में 225 किलोमीटर दूर स्थित है.
इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा है कि ऑपरेशन राइज़िंग लॉयन नाम से किए गए ये हमले 'इसराइल के अस्तित्व के लिए ईरानी ख़तरे को रोकने के लिए किया गया एक सैन्य अभियान हैं.'
उन्होंने कहा कि ये सैन्य अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक ईरान की तरफ़ से ख़तरा ख़त्म नहीं हो जाएगा.
नेतन्याहू ने कहा, "हाल के महीनों में, ईरान ने ऐसे क़दम उठाये हैं जैसे पहले कभी नहीं उठाए थे. ये क़दम इस संवर्धित यूरेनियम से हथियार बनाने की दिशा में थे."
"अगर ईरान को रोका नहीं जाता तो ईरान बहुत कम समय में परमाणु हथियार बना सकता था. ये एक साल हो सकता था, या फिर कुछ महीनों के भीतर या फिर एक साल से कम समय में. ये इसराइल के अस्तित्व के लिए बिलकुल स्पष्ट और तत्काल ख़तरा है."
अपने बयान में नेतन्याहू ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का भी शुक्रिया अदा किया.
इसराइली सेना के एक अधिकारी ने बीबीसी से कहा- ईरान के पास कुछ दिनों के भीतर ही परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त परमाणु सामग्री थी.
इस बीच इसराइल डिफेंस फोर्सेस ने कहा है कि ईरान ने यूएवी इसराइली क्षेत्र की ओर करीब 100 ड्रोन दागे हैं.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़, ईरानी सेना के एक प्रवक्ता ने कहा है कि इसराइल और अमेरिका इन हमलों की भारी क़ीमत चुकाएंगे.
ईरान के प्रवक्ता अबुल फ़ज़ल शेकार्ची ने कहा, "हमारी सेनाएं निश्चित रूप से इसराइल के इस हमले का जवाब देंगी."
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने कहा, "ये हमले ईसराइल की 'दुष्ट प्रवृत्ति' का सबूत है और इसके साथ इसराइल ने खुद के लिए एक कड़वे भविष्य की तैयारी कर ली है, जोकि उसे ज़रूर मिलेगा."
ईरान की सरकारी मीडिया ने इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स कोर (आईआरजीसी) के कमांडर-इन-चीफ़ हुसैन सलामी समेत कम से कम पांच शीर्ष अधिकारियों की मौत की पुष्टि की है.
इसके आलावा ईरान के दो परमाणु वैज्ञानिकों की भी मौत हुई है.
ईरान लगातार कहता रहा है कि उसका न्यूक्लियर प्रोग्राम नागरिक उद्देश्य के लिए है, जबकि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) का है कि उसे ईरान के दावे पर भरोसा नहीं है और इकट्ठा किए गए एनरिच्ड यूरेनियम से जुड़े सवालों का जवाब देने में वह विफल रहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर इसराइली हमले को 'एक्सीलेंट' बताया है.
एबीसी न्यूज़ वॉशिंगटन के मुख्य संवाददाता जोनाथन कार्ल से फ़ोन पर ट्रंप ने इस हमले के बारे में कहा, "मुझे लगता है कि यह एक्सीलेंट रहा है. हमने उन्हें एक मौका दिया था और उन्होंने इसे लिया नहीं. उन्हें तगड़ी चोट पहुंची है, बहुत तगड़ी. आगे भी उन्हें चोट पहुंचेगी. बहुत अधिक."
इससे पहले ट्रंप ने कि उन्होंने ईरान को 'मौके पर मौके दिए' और अब उसे परमाणु कार्यक्रम पर 'समझौता करना चाहिए.'
ट्रंप ने ये बात इसराइल के ईरान पर हमला करने के बाद पर लिखी.
हलांकि इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा था कि इन हमलों में अमेरिका शामिल नहीं था और अमेरिका ने किसी तरह की मदद इसराइल को नहीं दी है.
उन्होंने कहा कि अमेरिका की शीर्ष प्राथमिकता क्षेत्र में मौजूद अमेरिकी बलों की सुरक्षा करना है.
अंतरराष्ट्रीय जगत से इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा- "हम इस घटनाक्रम से चिंतित हैं और ये हमले पहले से नाज़ुक क्षेत्र को और अधिक अस्थिर कर सकते हैं."
ईरान लंबे समय से ये कहता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है. देशभर में ईरान के कई परमाणु केंद्र हैं. इनमें से कम से कम कुछ पर इसराइल के हमले हुए हैं.
लेकिन कई देश और परमाणु मामलों पर नज़र रखने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था आईएईए (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) इस दावे से सहमत नहीं है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम सिर्फ़ नागरिक उद्देश्यों के लिए है.
इस सप्ताह, पिछले 20 सालों में, ये पहली बार हुआ जब आईएईए ने औपचारिक रूप से कहा कि ईरान ने परमाणु अप्रसार समझौतों का उल्लंघन किया है.
आईएईए ने कहा कि ईरान ने सभी सवालों का जवाब नहीं दिया है और अघोषित संवर्धित यूरेनियम के भंडार के बारे में स्पष्ट जानकारी भी नहीं दी है.
आईएईए की इससे पहले आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि ईरान ने यूरेनियम को 60 प्रतिशत शुद्धता तक संवर्धित कर लिया है, ये हथियार ग्रेड यूरेनियम के बेहद क़रीब है और 9 परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित