RBI NEW KYC नियम 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने केवाईसी (KYC) अपडेट को लेकर आम ग्राहकों को बड़ी राहत दी है. अब बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान खाते ब्लॉक करने या सेवाएं रोकने से पहले ग्राहकों को कम से कम तीन बार सूचना देंगे. यह निर्देश उन खातों पर भी लागू होंगे जो जनधन योजना या DBT/EBT के तहत खोले गए हैं. इससे न सिर्फ ग्राहकों को समय पर जानकारी मिल सकेगी बल्कि आर्थिक लेनदेन में अनावश्यक रुकावट से भी राहत मिलेगी.
RBI ने अपने हालिया सर्कुलर में स्पष्ट किया है कि बैंकों को ‘अपने ग्राहक को जानें’ (Know Your Customer – KYC) अपडेट से संबंधित सभी प्रक्रियाएं पारदर्शी ढंग से पूरी करनी होंगी. इसमें कहा गया है कि बड़ी संख्या में ऐसे मामले सामने आए हैं. जहां ग्राहक बिना सूचना के केवाईसी अपडेट ना करने पर खाता ब्लॉक जैसी परेशानियों से जूझ रहे हैं. इसे देखते हुए आरबीआई ने नई संशोधित KYC गाइडलाइन 2025 जारी की है.
आरबीआई के निर्देशों के अनुसार, अब बैंकों और वित्तीय संस्थानों को KYC अपडेट की नियत तारीख से पहले कम से कम तीन बार अलग-अलग माध्यमों से सूचना देनी होगी. इसमें ईमेल, एसएमएस, कॉल और पत्र जैसे विकल्प शामिल होंगे. जरूरी है कि कम से कम एक सूचना डाक या पत्र के माध्यम से दी जाए ताकि ग्राहकों को पर्याप्त समय मिले और वे खाता संचालन में किसी रुकावट से बच सकें.
नई व्यवस्था के तहत अब बैंक प्रतिनिधियों को भी केवाईसी अपडेट प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा. इससे उन क्षेत्रों के ग्राहकों को सहूलियत मिलेगी. जहां डिजिटल एक्सेस सीमित है या वरिष्ठ नागरिकों को तकनीकी समस्याएं आती हैं. प्रतिनिधि ग्राहकों से संपर्क कर उनके दस्तावेज अपडेट करने में मदद करेंगे.
आरबीआई के अनुसार, यह नियम सभी बैंकों और उन वित्तीय संस्थानों पर लागू होंगे जो आरबीआई के नियंत्रण में आते हैं. खासतौर पर जिन खातों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT), इलेक्ट्रॉनिक लाभ अंतरण (EBT) या प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) के तहत खोला गया है, वे इस राहत के दायरे में शामिल होंगे.
नई गाइडलाइन के अनुसार, यदि ग्राहक समय पर KYC अपडेट नहीं कर पाता, तब भी सेवाएं तुरंत बंद नहीं की जाएंगी. बैंक पहले पूर्वसूचना देकर पर्याप्त समय देगा. जिससे ग्राहक दस्तावेज पूरे कर सकें. यह व्यवस्था ग्रामीण और तकनीकी रूप से पिछड़े क्षेत्रों में खासतौर पर प्रभावी होगी.
केवाईसी को नियमित अंतराल पर अपडेट करना ग्राहकों की सुरक्षा और फाइनेंशियल फ्रॉड से बचाव के लिए आवश्यक होता है. इससे बैंक यह सुनिश्चित करते हैं कि खाता सही व्यक्ति द्वारा संचालित किया जा रहा है और किसी अवैध लेन-देन या संदिग्ध गतिविधि की गुंजाइश न रहे. लेकिन समय पर अपडेट की प्रक्रिया में बाधा आने पर ग्राहकों की सुविधा का ध्यान रखना भी जरूरी है. जिसे अब आरबीआई ने सुनिश्चित किया है.
आरबीआई का यह निर्णय उन ग्राहकों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगा जो या तो डिजिटल माध्यमों से जुड़ने में असमर्थ हैं या जो ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं. अब बैंक उन्हें समय रहते सूचित करेंगे और आवश्यकता अनुसार बैंक प्रतिनिधि के जरिये KYC अपडेट कराने में मदद करेंगे.