पहली क्लास दाखिले के नियम में हुआ बड़ा बदलाव, अब इस उम्र के बच्चों का भी कर सकेंगे एडमिशन Admission Rule Change – अभी पढ़ें ये खबर
Rahul Mishra (CEO) June 14, 2025 01:25 PM

प्रवेश नियम परिवर्तन: अगर आपके घर में छोटा बच्चा है और आप उसे पहली बार स्कूल भेजने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है. हरियाणा सरकार ने पहली कक्षा (Class 1) में एडमिशन के लिए नई उम्र सीमा तय कर दी है. यह नया नियम अब राज्य के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों पर लागू होगा. इस निर्णय का उद्देश्य बच्चों की शिक्षा के लिए एक स्वस्थ और सुविधाजनक वातावरण सुनिश्चित करना है.

अभिभावकों के लिए महत्वपूर्ण सलाह

हर साल लाखों माता-पिता इस उलझन में रहते हैं कि बच्चों को पहली कक्षा में कब भेजा जाए. यह सवाल तब और जटिल हो जाता है जब बच्चे की उम्र के बारे में स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं होते. अब, हरियाणा शिक्षा विभाग ने इस उलझन को खत्म करते हुए स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं, जिससे अभिभावकों को किसी प्रकार की कन्फ्यूजन का सामना नहीं करना पड़ेगा.

पहली कक्षा में दाखिले के लिए न्यूनतम 6 साल की उम्र

नए नियम के तहत, पहली कक्षा में एडमिशन के लिए बच्चे की न्यूनतम उम्र 6 साल होनी चाहिए. इसका मतलब है कि यदि आपका बच्चा 1 अप्रैल 2025 तक 6 साल का हो चुका है, तो वह पहली कक्षा में एडमिशन के लिए योग्य माना जाएगा. यह नियम सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों पर लागू है, और इससे बच्चों को सही समय पर शिक्षा मिलने का रास्ता खुलेगा.

हालांकि, एक थोड़ी राहत भी दी गई है. यदि किसी बच्चे की उम्र 1 अप्रैल तक पूरी नहीं होती, लेकिन वह 30 सितंबर 2025 तक 6 साल का हो जाएगा, तो उसे भी पहली कक्षा में एडमिशन मिल सकता है. यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि बच्चों का शैक्षणिक वर्ष बर्बाद न हो और उनका अकादमिक विकास सही तरीके से हो सके.

पहले क्या था नियम और क्यों हुआ बदलाव?

सत्र 2024-25 तक, 5 साल 6 महीने की उम्र में भी बच्चे का पहली कक्षा में एडमिशन हो जाता था. लेकिन अब इस नियम में बदलाव किया गया है. नए नियम का उद्देश्य बच्चों के मानसिक, शारीरिक, और बौद्धिक विकास को सही दिशा में सुनिश्चित करना है. जब बच्चा सही उम्र में स्कूल जाएगा, तो वह चीजों को बेहतर तरीके से समझ पाएगा, पढ़ाई में उसका मन अधिक लगेगा, और नए माहौल को अपनाने में उसे कोई दिक्कत नहीं होगी.

इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को सुनिश्चित करना है, ताकि वे शिक्षा के पहले चरण में अच्छे से तैयारी कर सकें.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) से तालमेल

हरियाणा सरकार का यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP) के अनुरूप है, जिसमें पूरे देश में पहली कक्षा में दाखिले के लिए 6 वर्ष की न्यूनतम उम्र तय की गई है. इस कदम से राज्य की शिक्षा व्यवस्था राष्ट्रीय मानकों के साथ एकरूप हो जाएगी, जिससे बच्चों को बेहतर प्रारंभिक शिक्षा मिल सकेगी और वे आगे चलकर अपनी शिक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे.

अभिभावकों के लिए महत्वपूर्ण सलाह

अब जब यह नया नियम लागू हो गया है, तो अभिभावकों के लिए सबसे जरूरी है कि वे अपने बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट सही करवा लें. एडमिशन के समय सबसे पहले जन्मतिथि देखी जाती है, और अगर उसमें कोई त्रुटि है, तो उसे जल्द से जल्द नगर निगम या पंचायत से सही करवाएं. इसके अलावा, सभी आवश्यक दस्तावेज पहले से तैयार रखें, ताकि एडमिशन के समय किसी भी प्रकार की बाधा न आए.

यह भी जरूरी है कि बच्चे के लिए सही समय पर शिक्षा की शुरुआत हो, ताकि वह शैक्षिक यात्रा में सफलता पा सके. अगर अभिभावक इस बदलाव को सही ढंग से समझते हुए बच्चों की उम्र के अनुसार एडमिशन कराते हैं, तो इससे बच्चों का अकादमिक और सामाजिक विकास बेहतर होगा.

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