हरियाणा अनुबंध शिक्षक: हरियाणा सरकार ने सरकारी स्कूलों में अनुबंध पर कार्यरत टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक), कला शिक्षक और शारीरिक शिक्षा सहायकों के लिए बड़ा निर्णय लिया है. शिक्षा विभाग ने पहले इनका एक साल तक अनुबंध बढ़ाने का जो आदेश जारी किया था, अब उसे वापस ले लिया गया है. अब ये शिक्षक केवल 30 जून 2025 तक ही कार्यरत माने जाएंगे.
ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद जब स्कूल दोबारा खुलेंगे, तब इन अनुबंधित शिक्षकों को छात्रों को पढ़ाने का मौका नहीं मिलेगा. मौलिक शिक्षा महानिदेशक ने इस संबंध में सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भेज दिए हैं कि सरप्लस घोषित सभी टीजीटी, कला और पीटीआई शिक्षकों की सेवाएं 30 जून के बाद समाप्त कर दी जाएं.
यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब इससे पहले 28 अप्रैल 2025 को प्रदेश सरकार ने एक आदेश जारी कर टीजीटी शिक्षकों का अनुबंध 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दिया था. साथ ही, उसी आदेश में कला शिक्षकों और पीटीआई का अनुबंध भी एक साल के लिए बढ़ा देने की स्वीकृति दी गई थी. यह विस्तार उन शिक्षकों के लिए था जिन्हें हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (HKRNL) के तहत नियुक्त किया गया था.
इससे पहले, एक अप्रैल 2025 को सरकार ने HKRNL के तहत कार्यरत 679 टीजीटी को सरप्लस घोषित कर हटा दिया था. लेकिन जब इसका विरोध हुआ, तो सरकार ने उन्हें फिर से स्कूलों में समायोजित करने का निर्णय लिया और अनुबंध विस्तार के आदेश भी जारी किए. लेकिन अब वित्त विभाग की आपत्ति के चलते यह आदेश रद्द कर दिया गया है.
वित्त विभाग ने शिक्षा विभाग द्वारा एकतरफा तरीके से अनुबंध सीधे एक साल बढ़ाने पर सवाल उठाए थे. उसका तर्क था कि ऐसा निर्णय वित्तीय नियमों और प्रक्रियाओं के उल्लंघन के तहत आता है. इसके बाद मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने आदेश जारी कर स्पष्ट किया कि HKRNL से जुड़े कर्मचारियों का अनुबंध केवल 30 जून तक ही मान्य होगा.
यह पहला मौका नहीं है जब हरियाणा के अनुबंधित शिक्षकों की नौकरी पर संकट आया हो. पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार के समय हुई नियुक्तियों में हुई अनियमितताओं के चलते करीब 1500 शारीरिक शिक्षा सहायकों और 500 कला अध्यापकों को अदालत के आदेश पर हटाया गया था. फिलहाल ये सभी HKRNL के माध्यम से दोबारा अनुबंध पर कार्यरत हैं.
मौलिक शिक्षा विभाग ने अंततः यह फैसला लिया कि अनुबंधित शिक्षकों की सेवाएं 30 जून 2025 के बाद समाप्त कर दी जाएंगी. इसके बाद इन शिक्षकों को किसी भी स्कूल में पुनर्नियुक्ति या कार्य नहीं मिलेगा. यह आदेश उन सभी शिक्षकों पर लागू होगा जिन्हें सरप्लस घोषित किया जा चुका है.