हरियाणा में घर-घर से इकट्ठा किया जाएगा कचरा, इतनी आबादी वाले सभी गांवो को मिलेंगे डंपर Hopper Tipper Dumper – अभी पढ़ें ये खबर
Rahul Mishra (CEO) June 14, 2025 09:26 PM

जंप टिप डंप्स: हरियाणा सरकार ने अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी शहरों जैसी सफाई व्यवस्था लागू करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने गांवों से निकलने वाले घरेलू कूड़े के उठान और निस्तारण के लिए व्यापक योजना तैयार की है. इस योजना के तहत अब 7500 से अधिक आबादी वाले सभी गांवों को हॉपर टिपर डंपर उपलब्ध करवाए जाएंगे, जिससे गांवों में भी नियमित कचरा प्रबंधन संभव हो सकेगा.

पहले 10,000 आबादी वाले गांवों तक था सीमित प्रावधान

इससे पहले, हरियाणा सरकार ने केवल 10,000 से अधिक जनसंख्या वाले गांवों को ही डंपर डिलीवरी देने की योजना बनाई थी. लेकिन अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में यह दायरा बढ़ाया गया है. 7500 से अधिक आबादी वाले गांवों को भी इस योजना में शामिल कर लिया गया है, जिससे सफाई व्यवस्था में समग्र सुधार हो सके.

298 हॉपर टिपर डंपर खरीद को दी गई मंजूरी

हाल ही में हुई हाई पावर परचेज कमेटी की बैठक में 298 हॉपर टिपर डंपर की खरीद को मंजूरी दी गई है. इस खरीद के लिए कुल 19 करोड़ रुपये से अधिक का बजट भी स्वीकृत किया गया है. इन डंपरों का ठेका जिस कंपनी को मिला है, उसे आदेश दिए गए हैं कि वह जल्द से जल्द डंपरों की डिलीवरी शुरू करे ताकि पंचायतों को समय पर वाहन उपलब्ध कराए जा सकें.

पंचायतों को जल्द दिए जाएंगे डंपर

जैसे ही डंपर की पहली खेप सरकार को मिलती है, उन्हें संबंधित ग्राम पंचायतों को सौंप दिया जाएगा. डंपर का उपयोग केवल मुख्य गांवों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आसपास के छोटे गांवों में भी कूड़ा उठाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाएगा. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में कचरे का समय पर उठान और प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सकेगा.

क्लस्टर मॉडल से कूड़ा प्रबंधन

सरकार ने तय किया है कि 5 से 6 गांवों को मिलाकर एक क्लस्टर बनाया जाएगा. इस क्लस्टर के तहत गांवों से उठाए गए कूड़े को एक स्थान पर एकत्र किया जाएगा और फिर वहां से उसका उचित निस्तारण किया जाएगा. यह मॉडल न सिर्फ लॉजिस्टिक रूप से सस्ता और प्रभावी है, बल्कि इससे छोटे गांवों को भी सुविधा का लाभ मिल सकेगा.

कूड़े से बनेगी खाद और बिजली

हरियाणा सरकार की योजना केवल कूड़ा उठाने तक सीमित नहीं है. सरकार का अगला लक्ष्य इस एकत्रित कचरे से खाद और बिजली का उत्पादन करना है. यह पहल स्वच्छता के साथ-साथ स्वावलंबन की दिशा में एक बड़ा कदम होगी. ग्रामीणों को इससे स्वस्थ वातावरण और आर्थिक लाभ दोनों मिलेंगे.

बजट में किया गया था ऐलान, अब जमीन पर दिखा असर

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 2025-26 के बजट में इस योजना की घोषणा की थी. बजट के दो महीने के भीतर ही इस योजना को नीतिगत मंजूरी और क्रियान्वयन स्तर तक पहुंचा दिया गया है. यह दिखाता है कि सरकार अपनी योजनाओं को तेजी से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है.

स्वच्छता मिशन में नई ऊर्जा का संचार

यह योजना हरियाणा के स्वच्छता मिशन को नया आयाम देगी. जहां अब तक शहरी क्षेत्रों में ही ठोस कचरा प्रबंधन की व्यवस्था थी, अब वह गांवों में भी प्रभावशाली तरीके से लागू होगी. इससे बीमारियों में कमी, पर्यावरण की रक्षा और ग्राम विकास को बढ़ावा मिलेगा.

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