अहमदाबाद क्रैश (Air India Plane Crash) जांच में ब्लैक बॉक्स ये साफ कर सकता है कि हादसा मैकेनिकल फेल्यर, इंजन खराबी, बर्ड स्ट्राइक, ऑनबोर्ड फायर या मानवीय गलती के कारण हुआ। रिकॉर्डिंग्स से MAYDAY कॉल, ऑटोमेटेड चेतावनियां और टेकऑफ के बाद के महत्वपूर्ण पलों में रिकवरी के प्रयासों की जानकारी मिलेगी।
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क्या होता है ब्लैक बॉक्स (What is black box)
ब्लैक बॉक्स ब्लैक कलर का कोई बॉक्स नहीं होता। दरअसलस, 'ब्लैक बॉक्स" असल में ब्राइट ऑरेंज कलर के क्रैश-रेसिस्टेंट डिवाइस हैं, जो जिन्हें एक्सट्रीम कंडीशन और आग से बचने के लिए डिजाइन किया जाता है। हर कमर्शियल विमान में दो ऐसे रिकॉर्डर होते हैं, जो रीइन्फोर्स्ड केसिंग में रखे जाते हैं और विस्फोट, आग, पानी के दबाव और हाई-स्पीड क्रैश को झेल सकते हैं। ये रिकॉर्डर लगातार 25 घंटे की जानकारी स्टोर करते हैं, जिसमें उस टाइमपीरियड की पिछली उड़ानों का डेटा भी शामिल होता है, जो कभी-कभी समय के साथ डेवलप हुई मैकेनिकल खामियों के संकेत दे सकता है।
कब और किसने बनाया ब्लैक बॉक्स
एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक 1953 में ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक डेविड वॉरेन ने पहली बार कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का विचार दिया। ऑस्ट्रेलियाई रक्षा विभाग ने उनकी मृत्यु के बाद एक बयान में कहा कि वॉरेन 1953 में दुनिया के पहले कमर्शियल जेट विमान, कॉमेट की दुर्घटना की जांच कर रहे थे, और उन्होंने सोचा कि किसी एयरलाइन दुर्घटना की जांच के लिए कॉकपिट (जिसमें पायलट बैठे होते हैं) में आवाजों की रिकॉर्डिंग करने में सहायक होगा।
विमान हादसों में ब्लैक बॉक्स क्यों महत्वपूर्ण सबूत हैं?
फ्लाइट रिकॉर्डर इन्वेस्टिगेटर्स को क्रैश से पहले की घटनाओं का सेकंड-बाय-सेकंड रिकंस्ट्रक्ट करते हैं, जो कॉकपिट और विमान सिस्टम्स में क्या हुआ, इसकी साफ डिटेल देते हैं। ये क्रिमिनल केस में DNA सबूत की तरह हैं - जब इंसानी गवाह उपलब्ध नहीं होते, तब ये निष्पक्ष गवाही देते हैं। इसलिए हादसे की वजहों को जानने के लिए एक जरूरी सबूत है। ब्लैक बॉक्स में दो डिवाइस शामिल हैं - कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR)।
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फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) महत्वपूर्ण टेक्निकल पैरामीटर्स जैसे अल्टीट्यूड, स्पीड, इंजन थ्रस्ट, और फ्लाइट पाथ डेटा रिकॉर्ड करता है। आधुनिक विमान, जैसे क्रैश हुआ बोइंग 787, हजारों पैरामीटर्स रिकॉर्ड कर सकता है, जिसमें कॉकपिट कमांड इनपुट्स से लेकर एयर कंडीशनिंग सिस्टम तक शामिल हैं। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) कॉकपिट के सभी ऑडियो - पायलट की बातचीत, रेडियो ट्रांसमिशन, वॉर्निंग अलार्म और मैकेनिकल आवाजें - रिकॉर्ड करता है, जो क्रैश से पहले के पलों की महत्वपूर्ण जानकारी दे सकता है। ये डिवाइसेज DGCA या एयरकाफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) के फोरेंसिक लैब में भेजे जाएंगे, जहां एक्सपर्ट्स मेमोरी मॉड्यूल्स निकालेंगे। वॉइस और फ्लाइट डेटा को सिंक्रोनाइज करेंगे और रडार लॉग्स और एयर ट्रैफिक कंट्रोल रिकॉर्ड्स के साथ मिलान करेंगे।
क्या बोले नागरिक उड्डयन मंत्री
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि AAIB के माध्यम से हो रही तकनीकी जांच से एक महत्वपूर्ण अपडेट कल शाम 5 बजे के आसपास घटनास्थल से ब्लैक बॉक्स की बरामदगी है। AAIB टीम का मानना है कि ब्लैक बॉक्स की डिकोडिंग गहराई से जानकारी देने वाली है कि दुर्घटना की प्रक्रिया के दौरान या दुर्घटना से पहले के क्षणों में वास्तव में क्या हुआ होगा।