सिन्हा ने कहा, सुरक्षा कारणों से 22 अप्रैल (हमले) के बाद कुछ स्थानों को बंद कर दिया गया था। कश्मीर व जम्मू के संभागीय आयुक्तों व पुलिस महानिरीक्षकों ने हर जिले से रिपोर्ट ली है और चरणबद्ध तरीके से कुछ स्थलों को फिर से खोलने का फैसला किया गया है।
ALSO READ:
उपराज्यपाल दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में वार्षिक अमरनाथ यात्रा के नुनवान आधार शिविर का दौरा करने के बाद संबोधित कर रहे थे। सिन्हा ने बताया कि पहले चरण में जिन स्थलों को पर्यटकों के लिए फिर से खोलने का निर्णय लिया गया है, उनमें प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में बीताब घाटी और पहलगाम बाजार के पास के पार्क, अनंतनाग जिले में वेरीनाग, कोकेरनाग और अचबल उद्यान शामिल हैं।
श्रीनगर में बादामवारी पार्क, निगीन के पास डक पार्क और हजरतबल के पास तकदीर पार्क को भी पहले चरण में फिर से खोला जाएगा। सिन्हा ने कहा, कठुआ में सरथल व धग्गर, रियासी में देवीपिंडी, सियाद बाबा व सुला पार्क, डोडा में गुलदांडा व जय घाटी, और उधमपुर में पंचेरी को भी पहले चरण में फिर से खोला जा रहा है। ये सभी जम्मू क्षेत्र में हैं।
ALSO READ:
उन्होंने बताया, पहले चरण में आठ स्थलों को फिर से खोला जा रहा है। अगले चरण में कुछ अन्य स्थलों को फिर से खोला जाएगा। उपराज्यपाल ने कहा कि दोनों क्षेत्रों के संभागीय आयुक्तों और पुलिस महानिरीक्षकों वाली समिति जिलों से रिपोर्ट लेगी और फिर पर्यटन विभाग के परामर्श से कुछ अन्य स्थानों को फिर से खोला जाएगा।
सिन्हा ने कहा,पर्यटक आ रहे हैं। वंदे भारत (ट्रेन) शुरू होने के बाद लोगों में नया उत्साह है, रेलवे के लोगों ने मुझे बताया कि अगले 10 से 12 दिनों के लिए सभी टिकट बुक हो चुके हैं। पर्यटकों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। उपराज्यपाल ने कहा, हर तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं, भारत सरकार भी श्रीनगर में संसदीय प्रतिनिधिमंडलों, समितियों आदि की बैठकें करेगी। इससे विश्वास बहाल होगा।
ALSO READ:
सिन्हा ने तीन जुलाई से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा पर कहा कि सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और लोगों से बड़ी संख्या में यहां आने की अपील की गई है। उन्होंने कहा, लेकिन मैं उनसे (लोगों से) अनुरोध करता हूं कि वे जम्मू से ही काफिले में यात्रा करें।
उन्होंने कहा, सुरक्षा एजेंसियों ने उनके यहां आने के लिए एक योजना बनाई है और उन्हें उसी योजना पर कायम रहना चाहिए। सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीएपीएफ) ने वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour