सरानाहुली मेला: पराशर व कमरूनाग में उमड़ेंगे हजारों श्रद्धालु
Udaipur Kiran Hindi June 16, 2025 01:42 AM

मंडी, 15 जून (Udaipur Kiran) । मंडी जनपद में आषाढ़ के प्रथम को बकरयाला साजे और सरानाहुली पर्व के रूप में मनाया जाता है। मंडी जनपद के दो मशहूर तीर्थ स्थलों पराशर और कमरूनाग में सरानाहुली मेलों का आयोजन किया जाता है। इस बार 15-16 जून को दोनों ही तीर्थ स्थलों पर मेलों का आयोजन किया जा रहा है। मंडी जिला के द्रंग विधान सभा क्षेत्र के रमणीय स्थल पराशर में जिला स्तरीय सरानाहुली मेले का समापन्न सोमवार को होगा। इस अवसर पर लोकनिर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह बतौर मुख्यअतिथि शिरकत करेंगे। जबकि कमरूनाग में शनिवार से ही आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। दोनों ही तीर्थ स्थल प्रकृति से जुड़ें हैं वहीं पर लोगों की अटूट श्रद्धा और आस्था के केंद्र बिंदू हैं। प्रकृति के खूबसूरत दामन में स्थित इन देव स्थलों पर हर साल हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ का उमडऩा पहाड़ी समाज की देवी-देवताओं के प्रति इसी श्रद्धा और आस्था की प्रतीक है।

मंडी जिला के सराज क्षेत्र में समुद्रतल से करीब नौ हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित कमरूनाग झील में नकदी और सोना ,चांदी चढ़ाने की सदियों से परंपरा रही है। जिसका आज भी सरानाहुली मेले में इस परंपरा का निर्वहन किया जाता है। हर साल यहां पर सरानाहुली में मेले में हजारों लोग अपनी मन्नतें लेकर आते हैं। जिनकी मन्नतें पूरी हो जाती है। वे झील में अपनी श्रद्धा के अनुसार सिक्के, नोट, सोना,चांदी आदि चढ़ाते हैं। मेले के दौरान तो झील के तल पर नोट तैरते रहते हैं। जबकि सोना और अन्य धातु झील में डूब जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस झील के गर्भ में करोड़ो का खजाना समाया हुआ है। जिसे कोई नहीं निकाल सकता है। मंडी जनपद में आषाढ़ के प्रथम दिन को बकरयाला साजे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हर घर में आटे के मीठे बकरू बनाए जाते हैं। इसे मानसून की दस्तक के रूप में भी जाना जाता है। आषाढ़ महीने से बरसात का आगाज हो जाता है। बकरयाले साजे को पराशर और कमरूनाग के अलावा बल्हघाटी की पहली पंचायत बैहना में हनुमान मंदिर के पास विशाल मेले का आयोजन होता है। जिसमें देव बाला कामेश्वर टिक्कर, देवी भराड़ी और माता मनसा मलवाणा के रथ मौजूद रहते हैं।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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