स्कूल की छुट्टी बढ़ाई: उत्तर प्रदेश के बच्चों और अभिभावकों के लिए गर्मी से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. प्रदेश सरकार ने बढ़ती गर्मी और हीटवेव के चलते स्कूलों की छुट्टियां 30 जून तक बढ़ा दी हैं. अब प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा परिषद और मान्यता प्राप्त स्कूलों में पठन-पाठन का कार्य 1 जुलाई 2025 से शुरू होगा.
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि मौजूदा समय में तेज गर्मी और लू की गंभीर स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. पहले घोषित 20 मई से 15 जून तक के ग्रीष्मकालीन अवकाश को अब 30 जून तक बढ़ा दिया गया है.
सरकार के इस नए आदेश के अनुसार, बच्चों को अब 30 जून तक स्कूल नहीं आना होगा. सभी छात्र-छात्राएं 1 जुलाई से स्कूलों में नियमित कक्षाओं में उपस्थित होंगे. यह निर्णय छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है.
हालांकि, स्कूलों में तैनात शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक और शिक्षणेत्तर कर्मचारी को 16 जून से स्कूलों में उपस्थित रहना होगा. इन सभी कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे शैक्षणिक, प्रशासनिक और अन्य ज़रूरी कार्यों को समय पर पूरा करें.
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है. पिछले कुछ दिनों में हीटवेव और लू के कारण कई बच्चों की तबीयत बिगड़ने की खबरें सामने आई थीं. इसी स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने स्कूल खुलने की तारीख आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है.
बेसिक शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि भले ही बच्चे स्कूलों में मौजूद नहीं होंगे, लेकिन स्कूल प्रशासनिक और शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन में लगा रहेगा. इससे आगामी सत्र की तैयारी बेहतर ढंग से हो सकेगी.
प्रदेश सरकार का कहना है कि बच्चों की जान और स्वास्थ्य की सुरक्षा सर्वोपरि है. चूंकि वर्तमान मौसम की स्थिति असामान्य रूप से गर्म है, इसलिए यह निर्णय एहतियात के तौर पर लिया गया है. स्कूलों में बच्चों की भीड़ और असुविधा से बचने के लिए यह कदम जरूरी था.
अभिभावकों ने सरकार के इस निर्णय की सराहना की है. उनका कहना है कि गर्मी के इस भयानक दौर में बच्चों को स्कूल भेजना जोखिम भरा हो सकता था. अब उन्हें विश्वास है कि जब 1 जुलाई से स्कूल खुलेंगे, तब तक मौसम में सुधार हो जाएगा.
यह आदेश सिर्फ सरकारी स्कूलों तक सीमित नहीं है. बेसिक शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह निर्देश सभी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर भी लागू होगा. कोई भी स्कूल 1 जुलाई से पहले छात्रों को बुलाने का निर्णय नहीं ले सकता.
विशेषज्ञों का मानना है कि छुट्टियों के विस्तार से शैक्षणिक कैलेंडर पर असर पड़ सकता है. हालांकि शिक्षा विभाग इस बात की तैयारी कर रहा है कि आगामी दिनों में अतिरिक्त कक्षाएं, शैक्षणिक शिविर या वर्चुअल क्लासेस के माध्यम से शैक्षणिक नुकसान की भरपाई की जा सके.