जेजेएम घोटाले में ED को मिले 500 करोड़ के करप्शन के सबूत, दावा- मंत्री रहते महेश जोशी को हर टेंडर पर मिलता था 3% कमीशन
aapkarajasthan June 16, 2025 07:42 PM

प्रवर्तन निदेशालय ने राजस्थान में जल जीवन मिशन योजना के तहत भ्रष्टाचार के मामले की जांच लगभग पूरी कर ली है। सूत्रों के अनुसार, ईडी इस मामले में 20 जून के आसपास कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर सकता है। अब तक की जांच में 520 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले के सबूत सामने आए हैं। ईडी ने चार्जशीट में दावा किया है कि पूर्व मंत्री महेश जोशी को उनके कार्यकाल के दौरान हर टेंडर पर 3% कमीशन दिया गया था, जिसे उनके करीबी संजय बड़ाया ने लिया।

47.80 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त

हाल ही में महेश जोशी के परिवार की सांगानेर स्थित दो संपत्तियों समेत 47.80 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। संजय बड़ाया की 8 संपत्ति जब्त की गई है। ठेकेदार महेश मित्तल की 25 करोड़ रुपये और पद्मचंद जैन की 5 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की गई है।

फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र पर जीते करोड़ों के टेंडर

वर्ष 2021 में श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर जलदाय विभाग से करोड़ों के टेंडर जीते। गणपति कंपनी ने 68 टेंडर में भाग लिया और 31 टेंडर में एल-1 बनकर 859.2 करोड़ रुपये के काम जीते। श्याम कंपनी ने 169 टेंडर में भाग लिया और 73 टेंडर में एल-1 बनकर 120.25 करोड़ रुपये के टेंडर जीते।

एसीबी ने रिश्वत लेते हुए किया गिरफ्तार

अगस्त 2021 में एसीबी ने जयपुर के एक होटल से जलदाय विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर जांच शुरू की थी। बहरोड़ और नीमराणा से भी अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था। बाद में ईडी और फिर सीबीआई ने भी मामला दर्ज किया था। 4 मई 2024 को ईडी ने सभी दस्तावेज एसीबी को सौंप दिए और अब चार्जशीट प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

सीबीआई मामले की जांच कर रही है। ईडी द्वारा चार्जशीट दाखिल किए जाने के बाद इस घोटाले में और भी प्रभावशाली लोगों के नाम सामने आ सकते हैं। सीबीआई भी इस मामले में समानांतर जांच में जुटी है। इस घोटाले ने केंद्र सरकार की 'हर घर जल' योजना की छवि को भी नुकसान पहुंचाया है।

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