Health Tips : शरीर का 'दुश्मन' नहीं, 'दोस्त' भी है कोलेस्ट्रॉल! जानें एक दिन में कितना लेना है सेफ
Newsindialive Hindi June 16, 2025 07:42 PM
Health Tips : शरीर का ‘दुश्मन’ नहीं, ‘दोस्त’ भी है कोलेस्ट्रॉल! जानें एक दिन में कितना लेना है सेफ

News India Live, Digital Desk: Health Tips : ‘कोलेस्ट्रॉल’ का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में खतरे की घंटी बजने लगती है। हमें तुरंत हार्ट अटैक, स्ट्रोक और ब्लॉक हुई नसें याद आने लगती हैं। लेकिन क्या कोलेस्ट्रॉल हमेशा हमारा दुश्मन ही होता है? सच तो यह है कि हमारे शरीर को सही से काम करने के लिए इसकी जरूरत भी होती है। असली सवाल यह है कि हमें एक दिन में कितना कोलेस्ट्रॉल खाना चाहिए ताकि यह दोस्त बना रहे, दुश्मन नहीं।

इसे समझने के लिए सोचिए कि कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है – एक ‘हीरो’ और एक ‘विलेन’।

  • बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL): यह वो ‘विलेन’ है जो हमारी खून की धमनियों में चिपककर उन्हें ब्लॉक कर सकता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है।

  • गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL): यह वो ‘हीरो’ है जो इस बुरे कोलेस्ट्रॉल को धमनियों से साफ करके वापस लिवर तक ले जाता है और हमारे दिल की रक्षा करता है।

तो कितनी है आपकी ‘सेफ लिमिट’?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, एक स्वस्थ व्यक्ति को अपने भोजन से दिन भर में 300 मिलीग्राम (mg) से ज्यादा कोलेस्ट्रॉल नहीं लेना चाहिए।

लेकिन, यहां एक जरूरी बात है। अगर आपको पहले से ही दिल की कोई बीमारी, डायबिटीज है या आपका बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) बढ़ा हुआ है, तो आपके लिए यह लिमिट और भी कम हो जाती है। ऐसे लोगों को दिन में 200 मिलीग्राम से ज्यादा कोलेस्ट्रॉल नहीं लेना चाहिए।

किन चीजों से रहें सावधान?

डाइटरी कोलेस्ट्रॉल यानी भोजन से मिलने वाला कोलेस्ट्रॉल मुख्य रूप से एनिमल प्रोडक्ट्स में पाया जाता है। इसलिए रेड मीट (मटन), अंडे का पीला भाग, फुल-फैट डेयरी प्रोडक्ट्स (मक्खन, घी, मलाई वाला दूध, पनीर) और बाजार में मिलने वाले प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।

क्या है सेहत का सही रास्ता?

कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखने का सबसे अच्छा तरीका है अपनी डाइट में संतुलन बनाना। अपनी प्लेट में खूब सारे फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज (ओट्स, दलिया, ब्राउन राइस) और नट्स को शामिल करें। ये चीजें न सिर्फ बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करती हैं, बल्कि गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में भी मदद करती हैं।

याद रखिए, सेहत का मतलब किसी चीज को पूरी तरह बंद करना नहीं, बल्कि सही मात्रा और संतुलन को समझना है।

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