बार-बार बैलेंस चेक किया तो कटेगा जुर्माना? जानिए NPCI का नया नियम
UPUKLive Hindi June 17, 2025 12:42 AM

आज के डिजिटल युग में, जब जेब में नकदी की जगह स्मार्टफोन ने ले ली है, यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) भुगतान का पर्याय बन चुका है। किराने की दुकान से लेकर ऑनलाइन शॉपिंग तक, लोग अब मोबाइल से तुरंत भुगतान करना पसंद करते हैं। इस बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने यूपीआई सिस्टम में बड़े बदलाव किए हैं, जो आपके डिजिटल लेनदेन को और तेज व सुविधाजनक बनाने का वादा करते हैं। अब यूपीआई से भुगतान में केवल 10 सेकंड लगेंगे, और बार-बार बैलेंस चेक करने वालों के लिए भी नई सीमा लागू की गई है। आइए, इन बदलावों को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि ये आपके लिए क्यों मायने रखते हैं।

भुगतान अब और तेज, अनुभव और बेहतर

यूपीआई ने डिजिटल भुगतान को आसान और त्वरित बनाकर लाखों लोगों का भरोसा जीता है। एनपीसीआई ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए यूपीआई लेनदेन की गति को और बढ़ाने का फैसला किया है। 16 जून 2025 से, यूपीआई के जरिए पैसे ट्रांसफर करने, रिफंड प्रोसेस करने या पेमेंट स्टेटस चेक करने में अब 30 सेकंड के बजाय केवल 10 से 15 सेकंड का समय लगेगा। खास तौर पर, पेमेंट के लिए पते के सत्यापन का समय, जो पहले 15 सेकंड था, अब घटकर 10 सेकंड हो गया है।

इस बदलाव का मकसद है ग्राहकों को तेज और सहज अनुभव देना। चाहे आप किसी स्टोर पर खरीदारी कर रहे हों या दोस्त को पैसे भेज रहे हों, यह नई गति आपके समय की बचत करेगी। एनपीसीआई का कहना है कि यह कदम डिजिटल भुगतान को और विश्वसनीय बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव न केवल उपयोगकर्ताओं के लिए फायदेमंद है, बल्कि डिजिटल अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा।

बैलेंस चेक करने की नई सीमा

यूपीआई की सुविधा केवल भुगतान तक सीमित नहीं है; लोग अपने बैंक खाते का बैलेंस चेक करने के लिए भी इसका इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अब एनपीसीआई ने इस सुविधा पर एक नई सीमा लागू की है। नए नियमों के अनुसार, आप एक दिन में अधिकतम 50 बार अपने यूपीआई ऐप के जरिए खाते का बैलेंस चेक कर सकेंगे। पहले ऐसी कोई सीमा नहीं थी, जिसके कारण सिस्टम पर अनावश्यक दबाव पड़ता था।

एनपीसीआई का कहना है कि यह सीमा सिस्टम की दक्षता को बनाए रखने और तकनीकी संसाधनों का बेहतर उपयोग करने के लिए लागू की गई है। अगर आप इस सीमा को पार करते हैं, तो आपको अतिरिक्त शुल्क या प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि उपयोगकर्ता अपने बैलेंस चेक करने की आदत को नियंत्रित करें और केवल जरूरत पड़ने पर ही इस सुविधा का उपयोग करें।

आपके लिए क्या मायने रखता है?

ये बदलाव यूपीआई को और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल और कुशल बनाने की दिशा में एक कदम हैं। तेज लेनदेन का मतलब है कि आप बिना किसी देरी के अपनी खरीदारी या पेमेंट पूरा कर सकते हैं। वहीं, बैलेंस चेक की सीमा आपको अपने डिजिटल व्यवहार को और स्मार्ट तरीके से प्रबंधित करने के लिए प्रेरित करेगी। यह न केवल आपके समय और पैसे की बचत करेगा, बल्कि डिजिटल भुगतान प्रणाली को और मजबूत बनाएगा।

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