प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साइप्रस यात्रा के दौरान एक विशेष और भावनात्मक क्षण देखने को मिला। निकोसिया नगर परिषद की सदस्य मिशेला काइथ्रेओटी म्हाल्पा ने भारतीय परंपरा के अनुसार पीएम मोदी के पैर छूकर उनका स्वागत किया। इस पर पीएम मोदी ने भी उन्हें आशीर्वाद दिया। यह दृश्य न केवल भारत और साइप्रस के बीच संबंधों की गर्मजोशी को दर्शाता है, बल्कि भारतीय संस्कृति की वैश्विक पहचान को भी उजागर करता है।
यह विशेष स्वागत साइप्रस की राजधानी निकोसिया के ऐतिहासिक केंद्र में आयोजित किया गया। यहां पीएम मोदी को पारंपरिक साइप्रिऑट शैली में सम्मानित किया गया। जब मिशेला ने भारतीय संस्कृति का सम्मान करते हुए उनके चरण स्पर्श किए, तो यह दृश्य चर्चा का विषय बन गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने मिशेला के इस सम्मान को सराहा और कहा कि यह दर्शाता है कि भारतीय संस्कृति अब सीमाओं से परे एक वैश्विक धरोहर बन रही है। उन्होंने इसे भारतीय परंपराओं और मूल्यों के प्रति सम्मान की अभिव्यक्ति बताया। मोदी ने कहा, "यह एक विशेष क्षण है जब कोई विदेशी नेता भारतीय संस्कृति को इतनी श्रद्धा से स्वीकार करता है। इससे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंध और मजबूत होंगे।"
यह घटना केवल औपचारिकता नहीं थी, बल्कि यह संकेत देती है कि भारत और साइप्रस के रिश्ते अब केवल कूटनीतिक स्तर पर ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और मानवीय स्तर पर भी मजबूत हो रहे हैं। मिशेला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने भारतीय संस्कृति और परंपराओं के बारे में पढ़ा है और पीएम मोदी से मिलना उनके लिए प्रेरणादायक अनुभव रहा।
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा साइप्रस के साथ भारत के संबंधों में नई ऊर्जा और सकारात्मकता लेकर आया है। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने व्यापार, निवेश, शिक्षा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।