कब्ज और गैस जैसी समस्याएं आजकल के व्यस्त जीवनशैली में बेहद आम हो गई हैं। यदि आप भी कब्ज-गैस से परेशान हैं और तेजी से राहत चाहते हैं, तो पंसारी की दुकान से कुछ चमत्कारी चीजें उठा सकते हैं। आयुर्वेदिक उपायों का सहारा लेकर आप बिना किसी साइड इफेक्ट के पेट की समस्याओं से निजात पा सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कैसे त्रिफला चूर्ण, इसबगोल की भूसी, हींग, अजवाइन, अदरक, सौंफ, अरंडी का तेल और हरीतकी आपके पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
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त्रिफला चूर्ण कब्ज के इलाज में बेहद प्रभावी माना जाता है। यह आंवला, हरड़ और बहेड़ा से मिलकर बना होता है, जो पाचन क्रिया को दुरुस्त कर शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होता है। नियमित सेवन से कब्ज की समस्या जड़ से समाप्त हो सकती है।
इसबगोल प्राकृतिक फाइबर से भरपूर होता है, जो आंतों की सफाई कर मल को नरम बनाता है और मल त्याग को सहज बनाता है। यदि इसे रात को सोने से पहले गर्म पानी के साथ लिया जाए तो सुबह पेट बिल्कुल साफ हो जाता है।
हींग और अजवाइन भारतीय रसोई की दो ऐसी चीजें हैं जो पाचन अग्नि को बढ़ाकर गैस और अपच से तुरंत राहत देती हैं। हींग का तड़का या अजवाइन का सेवन पानी के साथ करने से पाचन तंत्र तुरंत सक्रिय हो जाता है।
अदरक अपनी प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण पेट में सूजन, गैस और दर्द को कम करता है। अदरक की चाय या काढ़ा बनाकर सेवन करने से पाचन क्रिया सुचारु होती है और भूख भी बढ़ती है।
सौंफ न केवल मुंह की दुर्गंध दूर करती है बल्कि पेट में बनने वाली गैस को भी कम करती है। भोजन के बाद सौंफ चबाने या सौंफ का पानी पीने से पेट की भारीपन और अपच की समस्या से छुटकारा मिलता है।
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अरंडी का तेल एक शक्तिशाली प्राकृतिक रेचक है। इसकी थोड़ी मात्रा गर्म दूध या पानी में मिलाकर पीने से मल त्याग सरल हो जाता है और आंतों की सफाई में सहायता मिलती है। हालांकि इसका सीमित मात्रा में सेवन ही करना चाहिए।
घी और दूध का मिश्रण पाचन तंत्र को लुब्रिकेट कर कब्ज की समस्या से राहत दिलाता है। रात को सोते समय गर्म दूध में एक चम्मच देसी घी मिलाकर पीने से अगली सुबह मल त्याग सरल हो जाता है।
हरीतकी एक जानी-मानी आयुर्वेदिक औषधि है जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाकर कब्ज से राहत देती है। हरड़ के चूर्ण का सेवन विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो लंबे समय से कब्ज से पीड़ित हैं।
इन सभी उपायों के साथ, पर्याप्त पानी पीना, फाइबर युक्त आहार लेना और नियमित व्यायाम करना भी अत्यंत आवश्यक है। यदि कब्ज-गैस की समस्या लगातार बनी रहे, तो किसी अनुभवी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।
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