मौसम अपडेट: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए 16 से 21 जून 2025 तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। तेज हवाएं (40-70 किमी/घंटा), गरज-चमक और भारी से अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है, जिससे जनजीवन और यात्रा प्रभावित हो सकती है। किसानों और यात्रियों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। आइए, प्रभावित क्षेत्रों का विस्तृत पूर्वानुमान जानते हैं।
उत्तर और पूर्वोत्तर भारत:
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उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, उत्तराखंड: 16 से 21 जून तक हल्की से भारी बारिश की संभावना है। बिहार में 18-19 जून को बहुत भारी बारिश हो सकती है, साथ ही गरज-चमक और बिजली गिरने का खतरा है। किसानों से फसलों की सुरक्षा और यात्रियों से खुले क्षेत्रों में न जाने की अपील की गई है।
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राजस्थान: 16-17 जून को 70 किमी/घंटा तक की तेज आंधी और धूल भरी हवाएं चल सकती हैं, साथ ही छिटपुट बारिश गर्मी से राहत देगी।
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पूर्वोत्तर (असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश): 17 से 21 जून तक अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान है, जिससे जलभराव, अचानक बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ सकता है। असम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने गुवाहाटी में धीमी यातायात और स्थानीय भूस्खलन की चेतावनी दी है।
दक्षिण और पश्चिम भारत:
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केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु: 16 से 19 जून तक मध्यम से भारी बारिश होगी। तटीय कर्नाटक और केरल में तीव्र बारिश की संभावना है।
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गुजरात (सौराष्ट्र-कच्छ), कोंकण, गोवा: 18 से 21 जून तक बहुत भारी से अत्यधिक भारी बारिश (>20 सेमी/24 घंटे) की चेतावनी है, खासकर 16 जून को कोंकण और गोवा में। गुजरात में 16-17 जून को हल्की से मध्यम बारिश होगी, जो बाद में तेज होगी।
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तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा: 40-60 किमी/घंटा की हवाओं के साथ भारी बारिश होगी, जिससे बाढ़ और भूस्खलन का जोखिम बढ़ सकता है। स्थानीय प्रशासन हाई अलर्ट पर है।
मध्य भारत:
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मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़: 16 से 20 जून तक भारी बारिश और आंधी की संभावना है, जिसमें मध्य प्रदेश में 19-20 जून को बहुत भारी बारिश हो सकती है।
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बिहार और झारखंड: मध्यम से भारी बारिश होगी, जिसमें बिहार में 18-19 जून को तीव्र बारिश होगी। बिजली और तेज हवाएं (40-50 किमी/घंटा) अतिरिक्त खतरा पैदा करेंगी।
सावधानियां:
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गरज-चमक के दौरान खुले मैदानों और बिजली उपकरणों से दूर रहें ताकि बिजली गिरने का जोखिम कम हो।
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निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ का खतरा है, इसलिए IMD अपडेट्स पर नजर रखें।
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स्कूल और परिवहन सेवाएं बाधित हो सकती हैं, और किसानों को फसलों को सुरक्षित करने की सलाह दी गई है।
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बाढ़ और भूस्खलन के जोखिम को देखते हुए स्थानीय प्रशासन तैयारियां कर रहा है।
निष्कर्ष: सक्रिय दक्षिण-पश्चिम मानसून गर्मी से राहत दे रहा है, लेकिन बाढ़ और व्यवधान जैसी चुनौतियां भी ला रहा है। IMD अपडेट्स के साथ अपडेट रहें और इस बारिश के मौसम में सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएं।
अस्वीकरण: यह जानकारी सामान्य सलाह के लिए है। सटीक अपडेट के लिए आधिकारिक IMD पूर्वानुमानों पर निर्भर करें।