Yoga For Migraine: माइग्रेन एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जो तीव्र सिरदर्द के साथ-साथ मतली, उल्टी और प्रकाश व ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता जैसे लक्षणों से जुड़ी है. यह दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है और दैनिक जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है. ऐसे में, लोग अक्सर राहत पाने के लिए वैकल्पिक उपचारों की तलाश करते हैं, और योगासन उनमें से एक लोकप्रिय विकल्प है. लेकिन क्या वास्तव में योगासन माइग्रेन को ठीक कर सकता है? आइए जानते हैं मेडिकल साइंस इस बारे में क्या कहता है.
योगासन प्राचीन भारतीय शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक प्रथाओं का एक समूह है. इसमें विभिन्न आसन (पोज़), प्राणायाम (श्वास नियंत्रण) और ध्यान शामिल हैं. ऐसा माना जाता है कि योगासन तनाव कम करने, लचीलापन बढ़ाने, रक्त परिसंचरण में सुधार करने और समग्र कल्याण को बढ़ावा देने में मदद करता है. ये सभी कारक संभावित रूप से माइग्रेन के प्रबंधन में भूमिका निभा सकते हैं.
कई अध्ययनों ने योगासन और माइग्रेन के बीच संबंध का पता लगाया है, और उनके परिणाम आशाजनक हैं, हालांकि यह कहना मुश्किल है कि यह ‘इलाज’ है. चिकित्सा अनुसंधान इंगित करता है कि योगासन माइग्रेन की आवृत्ति, तीव्रता और अवधि को कम करने में मदद कर सकता है.
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि योगासन को माइग्रेन के लिए एक स्टैंडअलोन इलाज के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. यह पारंपरिक चिकित्सा उपचारों का एक पूरक हो सकता है. डॉक्टर अक्सर माइग्रेन के प्रबंधन के लिए दवाओं, जीवनशैली में बदलाव और ट्रिगर की पहचान करने की सलाह देते हैं.
चिकित्सा विज्ञान इस बात का समर्थन करता है कि योगासन माइग्रेन से पीड़ित व्यक्तियों के लिए एक प्रभावी पूरक चिकित्सा हो सकता है. यह तनाव कम करके, नींद में सुधार करके और समग्र कल्याण को बढ़ावा देकर माइग्रेन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है. यदि आप माइग्रेन से पीड़ित हैं, तो योगासन को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें, खासकर यदि आप पहले से ही किसी दवा पर हैं. एक योग्य योग प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में योग का अभ्यास करना सुरक्षित और अधिक प्रभावी परिणाम देगा.
नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है. इसे केवल सुझाव के तौर पर लें. इस तरह की किसी भी जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें. (Photo Credit- Pinterest)