स्कूल फिर से खोलना: हरियाणा सरकार ने 21 जून 2025 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सभी सरकारी स्कूल खुले रखने का निर्णय लिया है. इस दिन विद्यालयों में “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” थीम पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों की भागीदारी जरूरी होगी.
इस वर्ष योग दिवस की थीम ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ को ध्यान में रखते हुए सभी विद्यालयों में सामूहिक योगाभ्यास, जागरूकता कार्यक्रम और संवाद सत्र आयोजित किए जाएंगे. इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और योग को जीवनशैली में शामिल करने के लिए प्रेरित करना है.
विद्यालयों में मौजूद योग क्लब और प्रधानाचार्य इस आयोजन की पूर्ण जिम्मेदारी संभालेंगे और सभी तैयारियों को सुनिश्चित करेंगे.
हरियाणा शिक्षा निदेशालय ने इस आयोजन की निगरानी के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं. प्रत्येक स्कूल को यह रिपोर्ट देना होगा कि उनके यहां कितने छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों ने भाग लिया.
24 जून 2025 तक जिला शिक्षा अधिकारियों को ऑनलाइन पोर्टल पर रिपोर्ट शेयर करनी होगी. इसमें यह भी वर्णन किया जाएगा कि कितने PM श्री स्कूल और कितने अन्य सरकारी स्कूलों ने इस आयोजन में सक्रिय भागीदारी की.
योग दिवस को प्रभावशाली बनाने के लिए सरकार द्वारा स्कूलों को ब्रांडिंग किट, पोस्टर, बैनर और योगाभ्यास संबंधित सामग्री वितरित की जाएगी. इसके अलावा, 10 प्रमुख कार्यक्रमों से संबंधित पाठ्य सामग्री भी भेजी जा रही है ताकि शिक्षक और विद्यार्थी बेहतर तैयारी कर सकें.
इससे यह सुनिश्चित होगा कि कार्यक्रम का आयोजन केवल औपचारिकता नहीं बल्कि गुणवत्ता और उद्देश्यपूर्ण भागीदारी के साथ किया जाए.
हरियाणा सरकार ने योग दिवस के बड़े आयोजन के लिए आयुष विभाग की जिम्मेदारी दोबारा से संजीव वर्मा को सौंपी है. पूर्व में उनका तबादला हो गया था, लेकिन योग दिवस जैसे महत्वपूर्ण आयोजन को ध्यान में रखते हुए उन्हें फिर से आयुष महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है.
अब वे खेल महानिदेशक और अंबाला मंडलायुक्त के अधीन एक साथ तीन भूमिकाएं निभाएंगे ताकि राज्य स्तर पर योग दिवस का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके.
छात्रों को योग का शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ अनुभव करने का अवसर मिलेगा. इससे न केवल उनका स्वास्थ्य बेहतर होगा, बल्कि अनुशासन, ध्यान और शांति जैसे मूल्यों का भी विकास होगा.
योग दिवस के माध्यम से सरकार की मंशा है कि विद्यार्थी इसे रोजमर्रा की दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और एक स्वस्थ राष्ट्र निर्माण में सहभागी बनें.
यह पहल शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र को जोड़ने का एक सराहनीय प्रयास है. जहां एक ओर बच्चों को कक्षा में पाठ्य ज्ञान मिलता है, वहीं योग जैसे आयोजन उन्हें जीवन कौशल और समग्र विकास की दिशा में अग्रसर करते हैं.
सरकार की यह रणनीति छात्रों में संतुलन और जागरूकता लाने की दिशा में एक मजबूत कदम मानी जा रही है.