मानसून का मौसम भले ही ठंडक और ताजगी लेकर आता है, लेकिन यह मौसम त्वचा से जुड़ी समस्याओं, खासकर दाद (Ringworm) जैसे फंगल इंफेक्शन को भी साथ लाता है। एक बार शरीर पर दाद हो जाए, तो यह तेज़ी से अन्य हिस्सों में फैल सकता है, यहां तक कि परिवार के बाकी सदस्य भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।
तो आइए जानते हैं—दाद क्यों बार-बार होता है, ये कैसे फैलता है और इससे बचाव कैसे करें।
🔁 बार-बार क्यों होता है दाद?
दाद एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन है जो खासकर मानसून में नमी और पसीने के कारण तेज़ी से फैलता है।
यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है—जैसे हाथ, पैर, गर्दन, पीठ या प्राइवेट एरिया में।
अगर साफ-सफाई का ध्यान न रखा जाए, तो यह दोबारा हो सकता है।
लगातार पसीना, गीले कपड़े और गंदे तौलिए इसे बार-बार लौटने का मौका देते हैं।
🧼 क्या गीला तौलिया बन सकता है दाद का कारण?
बिलकुल! बरसात में अक्सर लोग नहाने के बाद तौलिए को कमरे में ही सुखा देते हैं।
लेकिन यही तौलिया, नमी और गर्मी में बैक्टीरिया और फंगस का घर बन जाता है।
गीला तौलिया स्किन पर रैशेज, एक्जिमा और दाद जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है।
अगर घर में कोई सदस्य पहले से संक्रमित है, तो उनका तौलिया इस्तेमाल करने से दूसरे लोग भी दाद की चपेट में आ सकते हैं।
🛡️ दाद से बचाव के आसान उपाय
तौलिए को हमेशा धूप में सुखाएं और हर दो दिन में जरूर धोएं।
कॉटन के ढीले और साफ कपड़े पहनें ताकि त्वचा सूखी और सांस लेती रहे।
संक्रमित व्यक्ति का तौलिया, कपड़े, कंघी और साबुन शेयर न करें।
नमी और पसीने वाली जगहों को हमेशा सूखा और साफ रखें।
दाद को छूने से बचें और संक्रमित जगह पर दवा लगाकर हाथ तुरंत धोएं।
💊 घरेलू देखभाल और डॉक्टर की सलाह
अगर दाद बढ़ रहा हो या जलन और खुजली तेज हो रही हो, तो घरेलू नुस्खों के साथ त्वचा रोग विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। बाजार में मिलने वाली एंटी-फंगल क्रीम्स या लोशन सही तरीके से और नियमित लगाना बहुत जरूरी होता है।
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