बैंक लॉकर नियम: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए नियम के अनुसार, यदि आपने अब तक संशोधित बैंक लॉकर एग्रीमेंट पर साइन नहीं किया है, तो जल्द ही आपका बैंक लॉकर फ्रीज या सील किया जा सकता है. देशभर में करीब 20% लॉकर ग्राहक अभी तक इस प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पाए हैं, जिससे उनका लॉकर खतरे में पड़ सकता है.
RBI ने अगस्त 2021 में नया निर्देश जारी किया था, जिसके तहत बैंकों को अपने सभी मौजूदा लॉकर ग्राहकों से नया रेंटल एग्रीमेंट साइन करवाना था. यह कदम तकनीकी सुरक्षा, ग्राहकों की शिकायतों और फीडबैक को ध्यान में रखते हुए लिया गया.
शुरुआत में अंतिम तिथि 1 जनवरी 2023 तय की गई थी. बाद में इसे दिसंबर 2023, फिर मार्च 2024 तक बढ़ाया गया. लेकिन इसके बावजूद कई ग्राहक अब भी नया एग्रीमेंट साइन नहीं कर पाए हैं. अब बैंकों ने RBI से मांग की है कि इस डेडलाइन को दिसंबर 2025 तक बढ़ा दिया जाए.
अगर कोई ग्राहक निर्धारित समय तक संशोधित एग्रीमेंट पर साइन नहीं करता है, तो बैंक उसका लॉकर फ्रीज कर सकता है. यानी उस लॉकर का उपयोग तब तक नहीं हो सकेगा, जब तक ग्राहक नियमानुसार साइन न कर दे. बैंक फाइनल नोटिस भेजकर ऐसे लॉकर बंद भी कर सकते हैं.
बैंक अब उन ग्राहकों के खिलाफ कड़ा कदम उठाने की तैयारी में हैं, जो बार-बार आग्रह के बाद भी एग्रीमेंट पर साइन नहीं कर रहे. बैंकों ने RBI से आग्रह किया है कि उन्हें लॉकर सील करने और अंतिम नोटिस भेजने की अधिकारिक अनुमति दी जाए, ताकि वे कानूनी जोखिम से बच सकें.
नए लॉकर एग्रीमेंट में यह साफ तौर पर कहा गया है कि अगर बैंक लॉकर की सुरक्षा में चूक करता है, तो ग्राहक कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं. अगर आग, चोरी, या अन्य कारणों से लॉकर की सामग्री नष्ट होती है, तो बैंक को जवाबदेह ठहराया जा सकता है.
इस प्रक्रिया में ग्राहकों से कोई अतिरिक्त दस्तावेज या शुल्क नहीं लिया जाएगा. स्टांप ड्यूटी का खर्च भी बैंक खुद वहन करेगा. ग्राहक को केवल बैंक की शाखा जाकर एग्रीमेंट पर साइन करना है.
ग्राहक अपने बैंक लॉकर में गहने, ज़रूरी दस्तावेज (जैसे प्रॉपर्टी पेपर्स, वसीयत), कैश, डिजिटल डिवाइस आदि रख सकते हैं. लेकिन विस्फोटक, ज्वलनशील, या अवैध वस्तुएं रखना सख्त मना है. RBI के अनुसार, लॉकर का उपयोग केवल वैध और निजी कार्यों के लिए होना चाहिए.
यदि आपने अब तक बैंक लॉकर एग्रीमेंट पर साइन नहीं किया है, तो जल्द ही निकटतम शाखा में संपर्क करें. किसी भी असुविधा से बचने के लिए RBI के नियमों का पालन करें और बैंक की ओर से भेजे गए नोटिस को नजरअंदाज न करें.