खाद्य तेल की कीमतों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे : केंद्र
Samachar Nama Hindi June 19, 2025 06:42 PM

नई दिल्ली, 19 जून (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने कहा है कि खाद्य तेल पर आयात शुल्क में कमी के लाभ को देशभर में उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए बारीकी से निगरानी रखी जाएगी और समय-समय पर समीक्षा की जाएगी।

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के बयान के अनुसार, मूल्य लाभ को आगे बढ़ाने में किसी भी विसंगति या देरी का समाधान उचित नियामक कार्रवाई के जरिए किया जाएगा।

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीओएफपीडी) ने देश भर में प्रमुख खाद्य तेल रिफाइनिंग और प्रोसेसिंग सुविधाओं का निरीक्षण दौरा किया।

पिछले कुछ दिनों में किए गए निरीक्षणों में प्रमुख बंदरगाह-आधारित खाद्य तेल रिफाइनरियां और अंतर्देशीय प्रोसेसिंग प्लांट शामिल थे, जो क्रूड पाम ऑयल (सीपीओ), क्रूड सोयाबीन ऑयल और क्रूड सनफ्लावर ऑयल का आयात करते हैं।

कुछ प्रमुख उद्योगों का दौरा किया गया, जिनमें महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे राज्य शामिल हैं, जहां अधिकतम खाद्य तेल प्रोसेसिंग सुविधाएं स्थित हैं।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार, "इन निरीक्षणों का उद्देश्य रिफाइंड सूरजमुखी तेल, रिफाइंड सोयाबीन तेल और आरबीडी पामोलिन जैसे रिफाइंड खाद्य तेलों के एमआरपी और पीटीडी पर हाल ही में की गई शुल्क कटौती के प्रभाव की समीक्षा करना था।"

अधिकांश निरीक्षण इकाइयों ने एमआरपी और पीटीडी दोनों को पहले ही कम कर दिया है। कई प्रसंस्करण इकाइयों ने अगले कुछ दिनों में कीमतों में कटौती लागू करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की, क्योंकि उन्हें रिवाइज्ड ड्यूटी स्ट्रक्चर के तहत कच्चे तेलों की कम लागत वाली खेप मिल रही है।

इस पहल ने खाद्य तेल बाजार में कीमतों को स्थिर करने में मदद की है और शुरुआती संकेत बताते हैं कि लाभ धीरे-धीरे कम खुदरा कीमतों के माध्यम से अंतिम उपभोक्ताओं तक पहुंच रहे हैं।

हाल के महीनों में, सरकार ने खाद्य तेल की कीमतों में मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति को रोकने के लिए कई नीतिगत उपाय किए हैं।

एक प्रमुख कदम में लैंडेड कॉस्ट को कम करने के लिए विभिन्न कच्चे खाद्य तेलों पर आयात शुल्क को कम करना शामिल था।

केंद्र सरकार ने स्थानीय बाजार में कीमतों को कम करने के लिए कच्चे सूरजमुखी, सोयाबीन और पाम तेल सहित कच्चे खाद्य तेलों पर मूल सीमा शुल्क को 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है।

--आईएएनएस

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