एयर इंडिया प्लेन क्रैश: 12 जून को एयर इंडिया का विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के ऊपर क्रैश हुआ। उस वक्त किसी को अंदाजा नहीं था कि ये हादसा देश के इतिहास की सबसे भयावह त्रासदियों में शामिल हो जाएगा। चारों ओर अफरातफरी, चीखें और जले हुए मलबे का भयावह मंजर था। इसी गड़बड़ी के बीच 57 साल के राजेश पटेल ने जो किया वो आज सबकी जुबान पर है। उन्होंने हिम्मत और मानवता की अनूठी मिसाल कायम की।
दरअसल जहां पर ये हादसा हुआ राजेश पटेल उस इलाके में महज 300 मीटर की दूरी पर रहते हैं। जब धमाका हुआ तो वो बिना कुछ सोचे दौड़ पड़े। उनके पास कोई स्ट्रेचर नहीं था ना कोई मेडिकल गियर। लेकिन इरादे इतने मजबूत थे कि उन्होंने घरों से चादरें और साड़ियां इकट्ठा कीं और उन्हें स्ट्रेचर की तरह इस्तेमाल कर घायलों को उठाया।
जब आग बुझी तो उन्होंने खुद मलबे में उतरकर तलाशी शुरू की। करीब 70 तोला सोना, 50,000 रुपए नकद, कुछ डॉलर, चांदी के गहने, पासपोर्ट और भगवद गीता जैसे सामान मिले। उन्होंने सब कुछ पुलिस के हवाले कर दिया। राजेश कहते हैं, “ये चीज़ें उनके लिए हैं जिन्होंने अपनों को खोया है। मैं सिर्फ इंसानियत का फर्ज निभा रहा था।”
मेघाणी नगर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर डीबी बसिया ने बताया कि हर सामान की सूची बनाई जा रही है और इसे एयर इंडिया के साथ मिलकर मृतकों के परिजनों को सौंपा जाएगा। गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने भी सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि हर सामान ईमानदारी से लौटाया जाएगा। एक वीडियो में देखा गया कि एक महिला के परिजन को 4.5 लाख के गहने वापस किए गए।
बता दें कि इस विमान हादसे में 242 में से 241 लोग मारे गए थे। केवल एक यात्री ही चमत्कारिक रूप से बच पाया। इसके अलावा जमीन पर मौजूद 29 लोग और 5 एमबीबीएस छात्र भी इस हादसे का शिकार हो गए।