कूलर क्लीनिंग टिप्स: गर्मी का मौसम आते ही घरों में कूलर और एसी की जरूरत बढ़ जाती है. जहां कुछ लोग दिनभर एसी चलाकर राहत पाते हैं, वहीं कई लोग बजट को ध्यान में रखते हुए कूलर का इस्तेमाल करते हैं. कूलर सस्ता, आसान और ठंडी हवा देने का एक भरोसेमंद तरीका है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर कूलर की देखभाल सही से न की जाए तो वही ठंडी हवा आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकती है?
कूलर में ठंडी हवा का मुख्य आधार होता है पानी. लेकिन यदि यही पानी दिनों-दिन बदलकर साफ न किया जाए, तो यही मच्छरों का घर बन सकता है और आपकी सेहत के लिए खतरा बन सकता है.
ठहरा हुआ पानी डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों को न्योता देता है.
धूल और काई जमी हुई टंकी से निकलने वाली हवा दुर्गंध, एलर्जी और स्किन संक्रमण का कारण बन सकती है.
विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार, हर 5 से 6 दिन में कूलर का पानी जरूर बदल देना चाहिए. यदि आप ऐसे इलाके में रहते हैं जहां बाहर धूल और मिट्टी ज्यादा है, तो पानी हर 3 दिन में बदलना बेहतर होता है.
सिर्फ पानी बदलना ही नहीं, साथ में टंकी और फिल्टर की सफाई भी जरूरी है, ताकि मच्छरों के अंडे या फफूंद जमा न हो.
कूलर की सफाई एक जरूरी काम है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. यहां कुछ आसान स्टेप्स दिए गए हैं जिससे आप घर पर ही कूलर को साफ कर सकते हैं:
यदि कूलर में काई या पीली परत जम गई हो, तो उसके लिए नींबू और फिटकरी का घरेलू नुस्खा बेहद असरदार है.
इस उपाय से कूलर की अंदरूनी काई, फफूंद और गंदगी पूरी तरह हट जाती है, और वह दोबारा इस्तेमाल करने लायक बन जाता है.
इसलिए अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं और गर्मी में ठंडी हवा का सही लाभ लेना चाहते हैं, तो कूलर की सफाई को नजरअंदाज न करें.