फिरोजाबाद: फिरोजाबाद, जिसे हम सब ‘सुहाग नगरी’ या चूड़ियों के शहर के नाम से जानते हैं, आज अपनी एक नई और ‘तीखी’ पहचान बना रहा है। यहाँ के किसानों ने पारंपरिक खेती के चक्र को तोड़कर एक ऐसा रास्ता चुना है, जो उनकी जिंदगी में मुनाफे की मिठास और खुशहाली का रंग घोल रहा है।
कैसे बदली किसानों की किस्मत?दशकों से फिरोजाबाद के किसान गेहूं, आलू और बाजरा जैसी पारंपरिक फसलों पर ही निर्भर थे। कड़ी मेहनत के बावजूद उन्हें अक्सर लागत निकालना भी मुश्किल हो जाता था। लेकिन अब तस्वीर बदल रही है। यहां के किसानों ने हिम्मत दिखाकर हाइब्रिड मिर्च की खेती को अपनाया है, और यह फैसला उनके लिए एक गेम-चेंजर साबित हुआ है।
विशेष रूप से, ‘अवन्तिका 212’ किस्म की मिर्च की खेती यहां लोकप्रिय हो रही है। इस मिर्च की कुछ खास बातें हैं:
कम लागत, ज्यादा मुनाफा: यह फसल कम पानी में तैयार हो जाती है और इसमें बीमारियां भी कम लगती हैं, जिससे किसानों का खर्च बचता है।
बंपर पैदावार: पारंपरिक फसलों के मुकाबले इसका उत्पादन कहीं ज्यादा है।
हाथों-हाथ बिक्री: इस मिर्च की मांग दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे बड़े बाजारों में इतनी ज्यादा है कि व्यापारी खुद किसानों के खेत पर पहुंचकर फसल खरीद लेते हैं। इससे किसानों को मंडी के चक्कर नहीं काटने पड़ते।
नतीजा यह है कि जो किसान पहले मामूली कमाई के लिए संघर्ष करते थे, आज वे इसी मिर्च की खेती से दोगुनी से भी ज्यादा कमाई कर रहे हैं और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास की चमक है।
फिरोजाबाद के किसानों की यह सफलता की कहानी दूसरे क्षेत्रों के लिए एक मिसाल बन गई है। यह साबित करती है कि सही फसल का चुनाव और थोड़ी सी हिम्मत, खेती को घाटे के सौदे से मुनाफे की गारंटी में बदल सकती है।