कानपुर, 19 जून (Udaipur Kiran) । शासन ने कानपुर के सीएमओ डा. हरिदत्त नेमी को निलंबित कर भले ही डीएम और सीएमओ के विवाद की घटना का पटाक्षेप कर दिया हो लेकिन निलंबित सीएमओ ने प्रेस वार्ता कर साफ कर दिया है मामला यहीं तक सीमित नहीं रहेगा। उन्होंने जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे मामले को लेकर न्यायालय की शरण में जाऊंगा। उन्होंने जिलाधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारियों के सामने मीटिंग हॉल में मुझे जाति सूचक शब्द बोलकर बेइज्जत किया जाता था।
निलंबित सीएमओ ने बताया कि पदभार ग्रहण करते ही प्रतिनिधियों से मुझे शिकायतें मिली कि डॉ सुबोध प्रकाश यादव अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी नर्सिंग होम के पद पर पिछले दो दशकों से तैनात हैं। साथ ही वह कई भ्रष्टाचार में भी संलिप्त हैं। इसको लेकर उन्हे उस पद से हटाकर जिला क्षय रोग अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी थी। वहीं डीएम साहब मुझे सिस्टम में रहकर काम करने की हिदायत देते थे। यही नहीं मीटिंगों के दौरान मेरे साथ दुर्व्यवहार किया जाता था। कई बार तो मुझे जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए प्रताड़ित किया गया। जिसकी लिखित व मौखिक शिकायत मैंने खुद प्रमुख सचिव से भी की थी। अब मैं इस मामले को लेकर कोर्ट की शरण में जाऊंगा।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब से उनकी कानपुर में तैनाती हुई है तब से वह पूरी ईमानदारी से अपना काम कर रहे थे लेकिन भ्रष्टाचार में संलिप्त कुछ लोगों को बेनकाब करते ही मुझे इस तरह की सजा मिली है। जिलाधिकारी ने मुझे सीबीआई से चार्जशीटेड जेएम फार्मा को एक करोड़ 60 लाख 47 हजार रुपये भुगतान करने को कहा था लेकिन मैने भुगतान करने से पहले फार्मा की जांच कराई तो वह भी भ्रष्टाचार में संलिप्त पाई गई। इसलिए मैंने उसका पेमेंट नहीं कराया। मेरे इस फैसले से नाराज जिलाधिकारी ने मुझे जाति सूचक शब्द बोलते हुए कहा कि सिस्टम में रहना सीख लो, नहीं तो कभी कुछ नहीं कर पाओगे। मैंने अपने पद पर रहकर इमानदारी से अपने कार्य को अंजाम दिया है। यही कारण है कि जनपद को सीएम डैशबोर्ड पर कई कार्य योजनाओं में राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। इस सबके बावजूद मुझे ऐसा इनाम मिला है जिसे मैं कभी भूल नहीं पाऊंगा।
आगे कहा कि मेरी किसी से भी निजी दुश्मनी नहीं है। मैं उन सभी का धन्यवाद भी करना चाहूंगा जिन्होंने मेरी बातों को समझा और मुझे समर्थन दिया लेकिन मैं इस मामले को लेकर न्यायालय तक लेकर जाऊंगा।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप