CIBIL स्कोर नए नियम – अगर आपका CIBIL स्कोर 750 से कम है, और हर बार बैंक से लोन लेने की कोशिश में निराशा ही हाथ लगती है, तो अब आपके लिए एक खुशखबरी है। RBI यानी भारतीय रिजर्व बैंक ने 2025 के लिए लोन प्रक्रिया में कुछ बड़े बदलाव किए हैं। अब केवल CIBIL स्कोर के आधार पर बैंक आपका लोन रिजेक्ट नहीं कर सकते।
इसका मतलब ये हुआ कि अगर आपका स्कोर कम है लेकिन आपकी वर्तमान इनकम अच्छी है, नौकरी या व्यापार स्थिर है, और आपने समय पर EMIs देना शुरू कर दिया है – तो लोन मिलने की संभावनाएं अब पहले से कहीं ज्यादा हैं।
पहले अगर किसी व्यक्ति का सिबिल स्कोर 600 या उससे कम होता था, तो बैंक बिना सोचे समझे लोन रिजेक्ट कर देते थे। अब RBI ने यह साफ कर दिया है कि:
RBI के निर्देशों के बाद अब बैंक SMS, ईमेल या कॉल के जरिए यह बताना अनिवार्य है कि उन्होंने किसी ग्राहक का लोन क्यों रिजेक्ट किया। पहले ग्राहकों को पता ही नहीं चलता था कि उनकी गलती कहां है। अब उन्हें:
यह बदलाव ट्रांसपेरेंसी (पारदर्शिता) के लिहाज से बेहद अहम है।
अब आपको CIBIL स्कोर देखने के लिए किसी वेबसाइट पर जाकर ₹100-₹200 नहीं देने पड़ेंगे। RBI ने सभी बैंकों और क्रेडिट ब्यूरो को यह आदेश दिया है कि ग्राहक को हर महीने एक बार मुफ्त में CIBIL स्कोर और पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराएं।
आप IRCTC की तरह अपने बैंक की वेबसाइट या मोबाइल ऐप में जाकर स्कोर चेक कर सकते हैं। साथ ही अगर आपकी रिपोर्ट में कोई गलती है, तो उसे सुधारने की प्रक्रिया भी आसान कर दी गई है।
अब अगर आपका लोन बिना किसी उचित कारण के रिजेक्ट हुआ है या आपकी रिपोर्ट में गलती है तो:
इस नियम से अब बैंक या एजेंसी आपकी शिकायत को अनदेखा नहीं कर सकती।
कई बार ऐसा होता है कि आपने समय पर सारी किस्तें चुकाई हों लेकिन फिर भी स्कोर में गलती आ जाती है। अब आप:
यह सुविधा खास तौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो जानकारी के अभाव में फंसे रहते हैं।
अगर आप एक मेहनती व्यक्ति हैं, जिसने कोरोना या किसी दूसरी वजह से पहले EMI चुकाने में चूक की हो, लेकिन अब आपकी स्थिति बेहतर है – तो अब आपके लिए दरवाज़ा खुल गया है। अब बैंक को आपकी पूरी वित्तीय स्थिति देखकर फैसला लेना होगा।
यह बदलाव खासतौर पर:
अगर आपका स्कोर अभी भी बहुत नीचे (500 या उससे कम) है और बैंक लोन देने से मना कर रहे हैं तो:
RBI के इन नए नियमों ने उन लाखों लोगों को नई उम्मीद दी है, जो अब तक खराब क्रेडिट स्कोर के कारण फाइनेंशियल सिस्टम से कटे हुए महसूस करते थे। अब बैंकों को मजबूरन आपके पूरे बैकग्राउंड को देखना होगा, न कि सिर्फ एक 3 अंकों की संख्या को।
अगर आपने मेहनत से अपनी आर्थिक स्थिति सुधारी है, तो अब लोन का दरवाजा खुल चुका है।